
बारां. जिले में सरसों व चने की समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के लिए खरीद के लिए तौल कांटों की शुरुआत तो हो गई, लेकिन पहले दिन महज ५० क्विंटल ही सरसों की तुलाई हुई।
बारां. जिले में सरसों व चने की समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के लिए खरीद के लिए तौल कांटों की शुरुआत तो हो गई, लेकिन पहले दिन महज ५० क्विंटल ही सरसों की तुलाई हुई। जिले में पंजीयन प्रक्रिया के बाद महज ७० किसानों को ही टोकन मिले हैं। इनमें भी कई किसान तो पहले दिन खरीद केन्द्रों की व्यवस्था देखने ही पहुंचे।
जिले में क्रय विक्रय सहकारी समिति द्वारा शुक्रवार को सात खरीद केन्द्रों पर पर सरसों व चने की खरीद की शुरुआत की गई हैं। इनमें बारां, अन्ता, अटरू, छबड़ा, छीपाबड़ौद, समरानियां व नाहरगढ़ में खरीद के लिए समिति ने खरीद केन्द्र स्थापित किए गए। खरीद के लिए जिले में ७० टोकन भी जारी हुए। लेकिन सिर्फ दो खरीद केन्द्रो पर एक-एक किसान ने सरसों की तुलाई करवाई। नोडल एजेन्सी राजफैड के लिए जिले की क्रय विक्रय सहकारी समिति के माध्यम से खरीद की जानी है। मार्केटिंग सोसायटी के महाप्रबन्धक सौमित्र मंगल ने बताया कि सरकार की पूर्व घोषणा के अनुसार १५ मार्च से खरीद के लिए सात केन्द्रों की शुरुआत की जा चुकी है। पहले दिन नाहरगढ़ व समरानियां में एक-एक किसान ने ही सरसों की तुलाई करवाई। शुक्रवार को शाम तक सिर्फ पचास क्विंटल सरसो की ही खरीद हो पाई।
नहीं आए गेहूं के खरीदार
ठेकेदार के नही आने के कारण एफसीआई द्वारा गेंहू की समर्थन मूल्य पर कि जाने वाली खरीद की शुरुआत नहीं हो पाई हैं। एफसीआई को जिले में शुक्रवार से ही पांच केन्द्रों बारां, मांगरोल, सीसवाली, अटरू व छबड़ा में सीधी खरीद शुरू करनी थी। अन्ता व छीपाबड़ौद में राजफैड के माध्यम से खरीद केन्द्र शुरु करने थे। जिसमे छीपाबड़ौद में क्रय विक्रय सहकारी समिति ने केन्द्र तो खोल दिया, लेकिन वहां भी कोई किसान गेंहू की तुलाई करवाने नही पहुंचा। बारां में शुक्रवार को एफसीआई का खरीद केन्द्र ठेकेदार नही आने के कारण शुरू नहीं हो सकी। गेंहू के बेचान के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए भी कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा।
Published on:
15 Mar 2019 10:45 pm
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