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हमारी विरासतों से दुनिया में भारत की अलग पहचान

इंटेक के बारां चैप्टर वराह नगरी की ओर से रविवार को दो दिवसयीय नेशनल इन्वायरमेंट सिंपोजियम का आयोजन शुरू हुआ। इसमें देशभर से कई सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविदों ने भाग लिया।

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बारां

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Mukesh Gaur

Aug 31, 2025

इंटेक के बारां चैप्टर वराह नगरी की ओर से रविवार को दो दिवसयीय नेशनल इन्वायरमेंट सिंपोजियम का आयोजन शुरू हुआ। इसमें देशभर से कई सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविदों ने भाग लिया।

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बारां में दो दिवसयीय नेशनल इन्वायरमेंट सिंपोजियम की शुरूआतदेशभर से पहुंचे पर्यावरण विद् और सामाजिक कार्यकर्ता

बारां. इंटेक के बारां चैप्टर वराह नगरी की ओर से रविवार को दो दिवसयीय नेशनल इन्वायरमेंट सिंपोजियम का आयोजन शुरू हुआ। इसमें देशभर से कई सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविदों ने भाग लिया। इस दौरान पहले दिन सांस्कृतिक विरासत और उनके संरक्षण पर मंथन किया गया।

गौरव का अनुभव कराती है संस्कृति

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंटेक के वाइस प्रेसिडेंट प्रो. सुखदेव सिंह रहे। उन्होंने कहा कि भारत की विरासतें इसे पूरे विश्व में एक अलग ही स्थान देती हैं। ये विरासतें सांस्कृतिक, प्राकृतिक, मूर्त और अमूर्त रूप से हमें समृद्ध बनाती हैं। इससे हम सभी गौरव का अनुभव करते हैं। भारतीय सांस्कृतिक निधि एक ऐसा ही साझा मंच है तो विनियमों को संधारित करता है। प्राकृतिक विरासत के रूप में शाहाबाद के जंगल राज्य ही नहीं देशभर में अनूठे हैं। यदि विनाश बचाकर इनका विकास होता है तो इंटेक इसका समर्थन करेगी। सिंह ने कहा कि शाहाबाद हमारी प्राकृतिक विरासत है। केवल शाहाबाद ही नहीं, देश के वनों और पर्यावरण हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए इंटेक उच्च स्तर पर बात करेगी। सत्र के मुख्य अतिथि द डेली पायनियर के संपादक ज्ञानेश्वर दयाल ने कहा कि संसार की प्रत्येक प्रकार की समृद्धि हम जुटा सकते हैं। परंतु जंगलों को हम नहीं लगा सकते। पर्यावरण का विनाश हमारे लिए चुनौती भरी समस्या है। इसके समाधान के लिए सरकार और लोगों को आगे आना चाहिए।

शुद्ध हवा की सभी को जरूरत

अध्यक्षता करते हुए इंटेक एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन विष्णु साबू ने कहा कि दुनिया के सभी देशों को शुद्ध हवा की जरूरत है। हमारे पांच भौतिक तत्वों में यह एक है। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। अत: हमें हमारे पर्यावरण के लिए समाज को जागृत करना ही होगी।सत्र में उल्लेखनीय सेवाकों के लिए इंटेक के पूर्व संयोजक रमेश अदलखा का सम्मान किया गया। अगले सत्र में मुख्य अतिथि पर्यावरण कार्यकर्ता रोबिन सिंह ने कहा कि आने वाली पीढिय़ों को जिंदा रखने के लिए जल, जंगल और जमीन को बचाए रखना होगा्र। इनके अभाव में हमारे समाज का वातावरणीय ढांचा बिखर जाएगार्।

संस्कृति में पौधरोपण दैवीय कार्य

विशिष्ट अतिथि लायंस क्लब श्रीजी के संरक्षक कुंजबिजारी नागर ने कहा कि शास्त्रों में पौधरोपण को महत्वपूर्ण माना गया है। हमारी संस्कृति हमें पेड़ों के संरक्षण का मार्ग बताती है, न कि पर्यावरण की हानि का। पत्रवाचन करते हुए बृजेश विजयवर्गीय ने कहा कि शाहाबाद जंगल का मामला महत्वपूर्ण है। सही तरह से इसका महत्व समझकर इनका संरक्षण जरूरी है।

450 जड़ी-बूटियां मिलना वरदान की तरह

नई दिल्ली से आए इंजीनियर गौरवकांत गर्ग ने कहा कि पर्यावरण की शुद्धि की अहम आवश्यकता को नकारा नहीं जा सकता। अध्यक्षता करते हुए डॉ. राधेश्याम गर्ग ने कहा कि हमारे शास्त्रों में जड़ी-बूटियों का बड़ा महत्व है। यदि हम शाहाबाद के जंगल की चर्चा करें तो यहां पर 450 से अधिक प्रजातियों की जड़ी-बूटियों का पाया जाना प्रकृति का वरदान है। हमें इसको सहेजना होगा। कार्यक्रम का संचालन यंग इंटेक के कन्वीनर कुमार शामी शर्मा ने किया। रामदास शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। इंटेक कन्वीनर जितेन्द्र कुमार शर्मा ने देशभर से आए हुए अतिथियों का आभार जताया।


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