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Rajasthan: रजिस्ट्री शिविर में आया अनोखा मामला : पटवारी जी… कब तक कुंवारा रहूं, मेरी शादी करवाओ

कवाई कस्बे में आयोजित फार्मर रजिस्ट्री कैंप के दौरान एक बड़ा ही रोचक मामला सामने आया। शिविर के दौरान यहां पहुंचे एक युवक ने स्वयं की शादी करवाने को लेकर पटवारी को प्रार्थना-पत्र सौंप दिया।

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registry camp in Kawai

बारां। कवाई कस्बे में आयोजित फार्मर रजिस्ट्री कैंप के दौरान एक बड़ा ही रोचक मामला सामने आया। शिविर के दौरान यहां पहुंचे एक युवक ने स्वयं की शादी करवाने को लेकर पटवारी को प्रार्थना-पत्र सौंप दिया। इस पर पटवारी ने भी रिमार्क करते हुए तहसीलदार से मार्गदर्शन मांग लिया।

यह है मामला

प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे के गढ़ी चौक में शनिवार से आयोजित तीन दिवसीय फार्मर रजिस्ट्री कैंप के दौरान रविवार दोपहर गौरव पथ निवासी कमलेश कुमार बैरवा पहुंचा और स्वयं की शादी करवाने की बात करने लगा। उसने लिखित में भी पटवारी को एक प्रार्थना पत्र दिया। इसमें उसने लिखा कि वह कुंवारा है। वो गरीब परिवार से है।

इससे पूर्व भी वह उच्च अधिकारियों को शादी कराने की कह चुका है। सरपंच सहित जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा चुका है। युवक ने प्रार्थना पत्र सौंप कर स्वयं के विवाह करवाने की मांग की है। इस पर शिविर में उपस्थित पटवारी विजेन्द्र सहरिया ने इस प्रार्थना पत्र पर तहसीलदार से मार्गदर्शन मांगने के लिए रिमार्क कर दिया।

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फार्मर शिविर से नदारद हुआ पटवारी

कस्बे में आयोजित फार्मर रजिस्ट्री सिविल में शाम 5 बजते ही पटवारी वीरेंद्र सहरिया वहां से नदारद हो गया। वहां पहुंचने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें वहां कवाई का पटवारी नहीं मिला। शिविर प्रभारी भंवरलाल नागर ने बताया कि पटवारी सहरिया के कोई निजी काम आने से वह चला गया। वह बता रहा था कि उसकी पत्नी बस स्टैंड पर आएगी, उसे लेने गया है। शिविर के दौरान 242 लोगों के रजिस्ट्रेशन किए गए। वहीं शनिवार को 250 लोगों के रजिस्ट्रेशन किए गए थे।

शिविर के दौरान मेरे पास एक युवक आया था। उसने स्वयं के विवाह के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। जिस पर तहसीलदार से मार्गदर्शन मांगा है। प्रार्थना पत्र अभी शिविर प्रभारी के पास है। मैंने युवक से प्रार्थना-पत्र लिखने के लिए नहीं कहा था।

वीरेंद्र सहरिया, पटवारी, कवाई

अगर युवक ने इस तरह का मजाक किया है तो पटवारी ने भी मजाक ही किया होगा। शिविर किसानों के पंजीकरण के लिए था, शादी करवाने के लिए नहीं लगाया गया था।

मंजूर अली, तहसीलदार, अटरू