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इस व्यवस्था से राशन विक्रेताओं को खासी राहत मिलेगी। विभिन्न जिलों में अक्सर गोदाम से राशन सामग्री का उठाव होने के बाद दुसरे तीसरे दिन तक सम्बंधित उचित मूल्य दुकानदार की दुकान पर सामग्री पहुंचने की शिकायतें सामने आती थी। इसके अलावा गोदाम से उठाई गई सामग्री की मात्रा व दुकानदार तक पहुंचने वाली मात्रा में भी अंतर की शिकायतें आती रही हंै। जिले में ही शहर के एक प्रमुख राशन विक्रेता ने कुछ दिनों पहले ही सामग्री कम मिलने तथा परिवहन के दौरान गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया था। अब गोदाम व डीलरों की जियो टैगिंग सुनिश्चित होने से डीलरों को पूरी सामग्री मिलने की आस बंधी है।
इस व्यवस्था से राशन विक्रेताओं को खासी राहत मिलेगी। विभिन्न जिलों में अक्सर गोदाम से राशन सामग्री का उठाव होने के बाद दुसरे तीसरे दिन तक सम्बंधित उचित मूल्य दुकानदार की दुकान पर सामग्री पहुंचने की शिकायतें सामने आती थी। इसके अलावा गोदाम से उठाई गई सामग्री की मात्रा व दुकानदार तक पहुंचने वाली मात्रा में भी अंतर की शिकायतें आती रही हंै। जिले में ही शहर के एक प्रमुख राशन विक्रेता ने कुछ दिनों पहले ही सामग्री कम मिलने तथा परिवहन के दौरान गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया था। अब गोदाम व डीलरों की जियो टैगिंग सुनिश्चित होने से डीलरों को पूरी सामग्री मिलने की आस बंधी है।
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जिले में करीब 577 राशन की दुकानें संचालित हैं। इसके अलावा जिले में पांच डिपो से राशन की खाद्यान्न सामग्री का उठाव किया जाता है। अन्ता, सीसवाली व बारां शहर में रीको स्थित सीडब्ल्यूसी, कोटा रोड आरओबी के समीप स्थित एफसीआई गोदाम व गुरुद्वारा के समीप स्थित आरएफडब्ल्यूसी गोदाम से उठाव किया जाता है। विभाग की ओर से इन सभी गोदाम दुकानों की जियो टैगिंग कर दी गई है। मात्र शाहाबाद क्षेत्र में संचालित दो ऑफलाइन दुकाने नेटवर्क की समस्या के चलते नहीं जुड़ी हैं।
जिले में करीब 577 राशन की दुकानें संचालित हैं। इसके अलावा जिले में पांच डिपो से राशन की खाद्यान्न सामग्री का उठाव किया जाता है। अन्ता, सीसवाली व बारां शहर में रीको स्थित सीडब्ल्यूसी, कोटा रोड आरओबी के समीप स्थित एफसीआई गोदाम व गुरुद्वारा के समीप स्थित आरएफडब्ल्यूसी गोदाम से उठाव किया जाता है। विभाग की ओर से इन सभी गोदाम दुकानों की जियो टैगिंग कर दी गई है। मात्र शाहाबाद क्षेत्र में संचालित दो ऑफलाइन दुकाने नेटवर्क की समस्या के चलते नहीं जुड़ी हैं।
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जियो टैगिंग के माध्यम से सम्बंधित जगह की मेपिंग की जाती है। यह कार्य ऑनलाइन होता है। इसमें अक्षांश व देशांतर निकालकर उस जगह का चिन्हिकरण किया जाता है। इससे निर्धारित स्थान की स्थिति ऑनलाइन पता चल जाती है। इसी तरह राशन की दुकानों व गोदामों की अक्षांश व देशांतर निकालकर टैगिंग की जा रही है। जियो टैगिंग के बाद भविष्य में राशन की दुकानों पर जयपुर मुख्यालय व जिला मुख्यालय से भी निगाह रखी जा सकेगी। इस तरह राशन के एक-एक दाने की निगरानी सुनिश्चित करने का प्रयास है।
जियो टैगिंग के माध्यम से सम्बंधित जगह की मेपिंग की जाती है। यह कार्य ऑनलाइन होता है। इसमें अक्षांश व देशांतर निकालकर उस जगह का चिन्हिकरण किया जाता है। इससे निर्धारित स्थान की स्थिति ऑनलाइन पता चल जाती है। इसी तरह राशन की दुकानों व गोदामों की अक्षांश व देशांतर निकालकर टैगिंग की जा रही है। जियो टैगिंग के बाद भविष्य में राशन की दुकानों पर जयपुर मुख्यालय व जिला मुख्यालय से भी निगाह रखी जा सकेगी। इस तरह राशन के एक-एक दाने की निगरानी सुनिश्चित करने का प्रयास है।
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महावीर नायक, जिला रसद अधिकारी
महावीर नायक, जिला रसद अधिकारी