विशिष्ट लोक अभियोजक हरि नारायण सिंह ने बताया कि सोलह वर्षीय पीड़िता ने अपनी बड़ी मम्मी और मामा के साथ थाना छबड़ा में शिकायत दी थी। उसने बताया कि पिता के मौत के बाद उसकी मां ने आठ साल पहले एक जने से नाता विवाह कर लिया था। वह अपनी मां और छोटे भाई के साथ उस व्यक्ति के यहां रह रही थी। करीब 10 महीने पहले उसकी मम्मी की भी बीमारी से मृत्यु हो गई। मां की मौत के डेढ़ माह बाद वह जब रात को सो रही थी, तब उसके सौतेले पिता ने उसके साथ बलात्कार किया।
इसके बाद आए दिन वह उसका यौनशोषण करने लगा। इस कारण वह तीन माह की गर्भवती हो गई। यह उसने अपनी बड़ी मम्मी और मामा को बताई। पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट के आधार पर उसके सौतेले पिता के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया और न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 15 गवाह के बयान दर्ज कराए गए और कुल 28 दस्तावेज पेश किए गए।
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि इस प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित हुआ। जिसमें पीड़िता के गर्भस्थ भ्रूण के डीएनए का मिलान उसके सौतेले पिता के डीएनए से हो गया। न्यायालय ने सौतेले पिता को यौन शोषण का दोषी मानते हुए उसके प्राकृत जीवनकाल तक कारावास से दंडित किया। उस पर विभिन्न धाराओं में कुल दो लाख रुपए ज़ुर्माना भी किया।