
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस (फोटो: पत्रिका)
Rajasthan Crime Update: मांगरोल थाना क्षेत्र के रींझिया गांव में एक कलियुगी बेटे ने बुधवार को धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार कर पिता की निमर्मतापूर्वक हत्या कर दी। आरोपी बेटे विजय धाकड़ ने पिता नरोत्तम के प्रति जबरदस्त आक्रोश दिखाते हुए पहले धारदार हथियार (कुटिया) से सिर पर वार किया। फिर कान काट लिया और कमर पर इतने वार किए कि रक्तधारा बह निकली। आंख भी निकाल ली।
बाद में परिजन लहूलुहान हालत में नरोत्तम को लेकर मांगरोल अस्पताल पहुंचे। जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वारदात की सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह आडा ने घटना स्थल का मौका निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आरोपी विजय धाकड़ को डिटेन कर लिया गया है।
सूचना पर अस्पताल पहुंचे एएसआई सूरजमल खींची ने बताया कि करीब तीन साल पहले मृतक नरोत्तम धाकड़ उर्फ पप्पू (45) की पत्नी की मौत हो गई थी। उसके बाद उसने पास के ही गांव जारेला में रोशनी बाई सहरिया (40) से कोर्ट मैरिज कर ली। इसके बाद से नरोत्तम व उसके पुत्र विजय (22) में कहासुनी होती रहती थी।
दोनों में बुधवार सुबह भी कहासुनी हुई तो आवेश में आकर विजय ने घर पर ही शराब के नशे धारदार हथियार (कुटिया) से वारकर पिता को मौत के घाट उतार दिया। बाद में मांगरोल उप जिला चिकित्सालय में जांच के बाद चिकित्सकों ने नरोत्तम को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया तथा हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपी बेटे को डिटेन कर लिया।
सूत्रों ने बताया कि मृतक नरोत्तम धाकड़ ने पत्नी की मृत्यु के बाद पास के गांव जारेला में सहरिया समाज में रोशनी बाई सहरिया से शादी की थी। रोशनी के पति की भी मृत्यु हो चुकी थी। इससे दोनों ने दोनों ने शादी रचा कर स्वयं के जीवन-यापन का बंदोबस्त कर लिया था।
इससे कुछ दिनों तक तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन बाद में नरोत्तम के दूसरे समाज में शादी करने से उसके रिश्तेदारों ने दूरी बनाना शुरू कर दिया। रिश्तेदारों के विवाह संबंध में भी अड़चने आने लग गई। आरोपी विजय भी 22 वर्ष का हो गया था। उसकी भी शादी नहीं हो रही थी। रिश्तों का तानाबाना बिगड़ने से विजय उसके पिता से रंजिश रखने लग गया था और दोनों में कहासुनी होती रहती थी।
कहासुनी होने से नरोत्तम पत्नी रोशनी बाई के पीहर जारेला आता जाता रहता था। बाद में रोशनी बाई किशनगंज थाना क्षेत्र के ब्रह्मपुरा गांव रहने लग गई। फिर नरोत्तम ब्रह्मपुरा जाने लग गया। वह कुछ दिन घर पर ओर कुछ दिन पत्नी के साथ दूसरे गांव रहता था। इससे पुत्र की नाराजगी बढ़ती गई। बेटे को अपना भविष्य खतरे में नजर आ रहा था। गांव में रहने वाले रिश्तेदार भी उनकी संतानों का रिश्ता नहीं होने का कारण भी यहीं मानते हुए उससे नाराजगी रखते थे।
Published on:
18 Dec 2025 10:37 am
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