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107वां उर्स-ए-रज़वी सकुशल सम्पन्न: बरेली में उमड़ा आस्था का सैलाब, पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली

आस्था, सुरक्षा और तकनीक का अनूठा संगम देखने को मिला आला हजरत फाजिले बरेलवी के 107वें उर्स-ए-रज़वी में। तीन दिवसीय यह ऐतिहासिक आयोजन बुधवार को कुल शरीफ की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ।

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बरेली। आस्था, सुरक्षा और तकनीक का अनूठा संगम देखने को मिला आला हजरत फाजिले बरेलवी के 107वें उर्स-ए-रज़वी में। तीन दिवसीय यह ऐतिहासिक आयोजन बुधवार को कुल शरीफ की रस्म के साथ सम्पन्न हुआ। दोपहर 2:38 बजे लाखों जायरीन ने दुआ में हाथ उठाए और अमन-ओ-शांति की प्रार्थना की। इस्लामियां इंटर कॉलेज का मैदान और मदरसा जामियातुर्रज़ा जायरीन से खचाखच भरा रहा।

देश-विदेश से आए उलेमा, समाज सुधार पर हुई चर्चा

इस मौके पर देश-विदेश से आए उलेमा-ए-किराम ने तकरीरें पेश कीं। मुफ्ती सलमान अजहरी ने कहा कि हमें अपने हक की लड़ाई मुल्क के कानून के दायरे में रहकर लड़नी है। उन्होंने दोहराया कि मसलक-ए-आला हजरत ही अहले सुन्नत का असली मसलक है और हमें इसी पर डटे रहना है।
मौलाना सलीम रज़ा नूरी ने सोशल मीडिया और यूट्यूबर उलमा से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि सबसे बड़ा समाज सुधारक हमारे पैगंबर-ए-इस्लाम हैं, जिन्होंने इंसानों के हक के लिए आवाज बुलंद की।

एडीजी से लेकर सिपाही तक सड़क पर

आला हजरत के उर्स को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए एडीजी रमित शर्मा, डीआईजी अजय साहनी, कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, डीएम अविनाश सिंह, एसएसपी अनुराग आर्य, एसपी सिटी मानुष पारीक समेत तमाम अधिकारी सुबह से लेकर देर रात तक सड़कों और उर्स स्थल पर पैदल घूमते रहे। एडीजी रमित शर्मा और कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने कंट्रोल रूम के जरिए भी इसकी मॉनीटरिंग की। कंट्रोल रूम में बैठकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। हर संवेदनशील और अति संवेदनशील जगह पर पुलिस तैनात रही। उर्स के सकुशल सम्पन्न होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली और पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी।


अमन-ओ-शांति की दुआ के साथ समापन

समापन कार्यक्रम इस्लामियां मैदान में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खां की सरपरस्ती, सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा कादरी की सदारत और सैयद आसिफ मियां व राशिद अली खां की निगरानी में हुआ।
कुल शरीफ के बाद मुफ्ती अहसन मियां और मुफ्ती सलमान अजहरी ने हिंदुस्तान समेत पूरी दुनिया में अमन-ओ-शांति की दुआ की।
वहीं मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रज़ा में काजी-ए-हिंदुस्तान असजद मियां ने भी दुआ कराई।


बरेली से गया मोहब्बत का पैगाम

उर्स-ए-रज़वी का समापन न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक बना बल्कि इसने यह संदेश भी दिया कि बरेली शरीफ से हमेशा अमन और मोहब्बत का पैगाम ही देश-दुनिया तक पहुंचा है। लाखों जायरीन के हुजूम और सख्त सुरक्षा प्रबंधन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आस्था और व्यवस्था का संगम बरेली की पहचान है।

एसएसपी का बयान

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि उर्स में भारी संख्या में आए जायरीन की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं, शहर में 2 हजार पुलिस फोर्स के साथ 10 पीएसी कंपनी, 1 आरएफ, कई ड्रोन टीमें और एलआईयू को सादे कपड़ों में लगाया गया है। लोगों को किसी भी तरह की परेशान न हो इसका विशेष ध्यान रखा गया है। एसएसपी ने लोगों से अपील कि ट्रैफिक व्यवस्था को पूरी तरह से फॉलो करें। उन्होंने बताया कि कुल के सम्पन्न के बाद भीड़ अधिक होने से कुछ परेशान आएगी, लेकिन दो घंटे में ट्रैफिक सामान्य कर लिया जाएगा।