
एसईसीएल सतर्कता विभाग ने की जांच (Photo source- Patrika)
बरेली। भूमि संरक्षण विभाग की वाटरशेड योजना में करोड़ों की अनियमितताओं का मामला उजागर होने के बाद शासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें तत्कालीन भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह और उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह शामिल हैं। आरोप है कि किसानों के नाम पर जारी की गई राशि का दुरुपयोग किया गया और समय पर जांच रिपोर्ट शासन को नहीं भेजी गई।
वर्ष 2021-22 में वाटरशेड योजना के तहत 104 गांवों में मेढ़बंदी, सिंचाई और भूमि समतलीकरण के लिए 22 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ था। लेकिन, धरातल पर इसका कोई प्रभावी कार्य नजर नहीं आया।
आरोप है कि 5.57 लाख रुपये किसान गोष्ठियों के नाम पर निजी खातों में निकालकर खर्च कर दिए गए।
किसानों और जनप्रतिनिधियों ने अनियमितता की शिकायत की, जिस पर जांच शुरू हुई।
संयुक्त विकास आयुक्त प्रदीप कुमार की देखरेख में जांच हुई। जांच टीम ने बार-बार पत्र लिखकर अभिलेख मांगे, लेकिन तत्कालीन भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह ने सहयोग नहीं किया। बाद में उनका तबादला बांदा कर दिया गया।
मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन को एसआईटी जांच कराने की संस्तुति भेजी। अगस्त 2024 में शासन से आई तीन सदस्यीय टीम ने जांच की और आरोपों की पुष्टि की।
जांच में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन भूमि संरक्षण अधिकारी संजय सिंह को निलंबित कर दिया गया।
वहीं, उप कृषि निदेशक अभिनंदन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने समय पर रिपोर्ट संयुक्त कृषि निदेशक को नहीं भेजी। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए शासन ने उन्हें भी निलंबित कर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया है।
दुर्विजय सिंह, संयुक्त कृषि निदेशक ने बताया कि दोनों अधिकारियों की लापरवाही और गड़बड़ी सामने आने पर शासन ने कार्रवाई की है। आगे की जिम्मेदारी तय करने के लिए विभागीय जांच भी जारी रहेगी।
Published on:
22 Aug 2025 08:31 am
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