
बरेली। शहर में टैक्स चोरी का बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कूटरचित दस्तावेज़ों के दम पर एक फर्म ने न केवल जीएसटी पंजीकरण हासिल किया, बल्कि लाखों रुपये का सार्वजनिक राजस्व भी डकार लिया। मामला खुलते ही राज्य कर विभाग सख्त हो गया और खंड-4 बरेली के सहायक आयुक्त अविरल मुद्गल ने बारादरी थाने में एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की शुरुआत कर दी है।
सलीम ट्रेडर्स नाम की फर्म ने 3 अप्रैल 2021 को जीएसटी रजिस्ट्रेशन लेने के लिए पूरा सेटअप तैयार किया। प्रोप्राइटर के रूप में गाजियाबाद निवासी नगमा पुत्री सलीम खानका नाम दर्ज किया गया, जबकि व्यवसाय का पता 107, कालीबाड़ी, बरेली बताया गया। जांच में ये सभी कागज़ात फर्जी और कूट रचित पाए गए। फर्म ने रजिस्ट्रेशन मिलते ही फर्जी कारोबार दिखाकर राजस्व को चूना लगाने की शुरुआत कर दी।
अप्रैल 2021 में 2,79,18,238.30 रुपये की सप्लाई दिखाकर 50,25,282.89 रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पास ऑन किया। मई 2021 में 1,25,47,280 रुपये की सप्लाई दर्शाते हुए 22,58,510.40 रुपये का आईटीसी पास ऑन किया। यानी कुल मिलाकर सरकार को 72.84 लाख रुपये की चपत लगा दी गई। राज्य कर विभाग के मुताबिक यह कोई सामान्य टैक्स गड़बड़ी नहीं, बल्कि फर्जी फर्मों के माध्यम से किया गया संगठित वित्तीय अपराध है, जिसमें सरकारी खजाने को खुलकर लूटा गया।
जिस पते पर फर्म दिखाकर जीएसटी रजिस्ट्रेशन लिया गया, वहां कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं पाई गई। शुरुआती जांच में मिले तथ्यों ने अधिकारियों को हिला दिया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस मामले की गहन जांच में जुट गई है। फर्जी रजिस्ट्रेशन से लेकर आईटीसी पास ऑन किए जाने तक की हर कड़ी को खंगाला जा रहा है।
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Published on:
07 Dec 2025 03:02 pm
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