
पीलीभीत। चिलचलाती धूप में किसानों के साथ दरांती लेकर गेहूं काट रहीं ये अधिकारी कोई और नहीं योगी सरकार में पीलीभीत की एडीएम ऋतु पुनिया हैं। अफसरशाही जब ज़मीन से जुड़ती है तो तस्वीरें अलग ही कहानी बयां करती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बुधवार को पीलीभीत की एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पुनिया जब पूरनपुर तहसील क्षेत्र के दौरे पर निकलीं, तो उनके हाथ में फाइलें नहीं, बल्कि दरांती थी। उन्होंने न सिर्फ खेत में जाकर गेहूं काटा, बल्कि किसानों से संवाद कर उनकी समस्याएं भी जानीं। पूरनपुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भ्रमण के दौरान एडीएम ने किसानों को सरकारी खरीद प्रक्रिया की जानकारी दी और बताया कि अगर किसी किसान के पास 100 क्विंटल या उससे अधिक गेहूं है। सरकारी मोबाइल क्रय केंद्र उनके खेत या घर तक पहुंचकर सीधे गेहूं की खरीद करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी ऐलान किया कि मंडी जाने की बाध्यता खत्म होगी और किसान को दो कार्यदिवसों के भीतर भुगतान बैंक खाते में प्राप्त होगा।
एडीएम ऋतु पुनिया ने मंडी समिति और पूरनपुर क्षेत्र के क्रय केंद्रों का निरीक्षण भी किया और सरकारी खरीद व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा, “हम किसानों को उनके पसीने की पूरी कीमत दिलाना चाहते हैं। सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है, और भुगतान की प्रक्रिया को तेज किया गया है ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।” उन्होंने कहा, जिले के 138 क्रय केंद्रों पर 17 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। "हमारी कोशिश है कि किसान को लाइन में लगने की ज़रूरत न पड़े, बल्कि सरकार खुद उनके दरवाजे तक पहुंचे।"
दौरे के दौरान जब एडीएम ऋतु पुनिया ने खेत में उतरकर दरांती से गेहूं काटना शुरू किया, तो वहां मौजूद किसान चौंक गए। यह दृश्य उनके लिए नया था। कुछ ही पलों में खेत का माहौल आत्मीयता में बदल गया। उन्होंने वहां मौजूद मजदूरों और किसानों से कटाई के अनुभव पूछे और उनकी परेशानियां भी सुनीं।
गांव के किसान रामसिंह, देवकी नंदन और शीलावती देवी ने बताया कि पहली बार किसी वरिष्ठ अधिकारी को खेत में उनके साथ काम करते देखा है। “यह सिर्फ दिखावा नहीं था, मैडम ने हमारे साथ मेहनत की और पूरी गंभीरता से हमारी समस्याएं सुनीं। ऐसा लग रहा है जैसे सरकार अब सच में हमारी सुध ले रही है।”
एडीएम ने कहा कि सरकार किसानों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है। “किसान हमारे देश की रीढ़ हैं। उनकी मेहनत का मूल्य उन्हें समय पर मिलना ही चाहिए। प्रशासन का लक्ष्य है कि किसान मंडी की जद्दोजहद से मुक्त हों और घर बैठे उन्हें लाभ मिल सके।”
Updated on:
09 Apr 2025 04:00 pm
Published on:
09 Apr 2025 03:51 pm
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