
कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज (फोटो सोर्स: एआई)
बरेली। बारादरी थाना क्षेत्र में दबंगों ने एक अधिवक्ता के बुजुर्ग पिता को गाड़ी हटाने के विवाद में बुरी तरह पीट दिया। पीड़ित अधिवक्ता ने जब इसका विरोध किया तो दबंगों ने उनके साथ भी मारपीट की। मामला थाने पहुंचा तो न्याय दिलाने के बजाय पुलिस ने उल्टा वकील और उसके पिता को ही हवालात में बंद कर दिया और पूरी रात समझौते के लिए दबाव बनाती रही। इस मामले में पुलिस से कोई मदद न मिलने के बाद पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश के बाद बारादरी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
जानकारी के मुताबिक थाना क्षेत्र के कृष्णा नगर कॉलोनी फेज-2 में रहने वाले 65 वर्षीय कमलापत मौर्य 10 जुलाई रात करीब 10 बजे अपनी किराने की दुकान पर बैठे थे। तभी पड़ोस में रहने वाला विपिन पुत्र शिवशंकर अपनी कार दुकान के सामने खड़ी कर गया। बुजुर्ग ने गाड़ी हटाने को कहा तो बात बढ़ गई। आरोप है कि विपिन ने गाली-गलौज शुरू कर दी और मारपीट करते हुए उन्हें धक्का दे दिया। धक्के से वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही उनका बेटा और जिला अदालत में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता राजीव मौर्य मौके पर पहुंचे। उन्होंने पिता को घायल देखकर विरोध किया तो वहां मौजूद विपिन, उसका भाई शिवकुमार उर्फ पप्पू, उनका दोस्त गुरमीत सिंह और 5-6 अन्य लोग आगबबूला हो गए। सभी ने अधिवक्ता पर हमला बोल दिया और गालियां देते हुए धमकी दी कि पूरे परिवार को जान से मार देंगे और उनके प्लॉट पर कब्जा कर लेंगे। राजीव मौर्य पिता को लेकर थाना बारादरी पहुंचे और तहरीर दी। लेकिन आरोप है कि पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उन्हें और उनके घायल पिता को ही हवालात में बंद कर दिया। दोनों को पूरी रात थाने में रखा गया और समझौते का दबाव बनाया गया। राजीव का कहना है कि पुलिस ने धमकी दी कि अगर समझौता नहीं किया तो दोनों बाप-बेटे को जेल भेज दिया जाएगा।
मारपीट में घायल कमलापत को बाद में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जांच में उनकी कूल्हे की हड्डी टूटी होने की पुष्टि की। बाद में उनका ऑपरेशन कर कूल्हा बदला गया। इलाज पर काफी खर्च आया। राजीव का कहना है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भी दबंग उन्हें लगातार धमका रहे हैं। वे कहते हैं कि उनकी पुलिस में राजनीतिक पहुंच है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं होगी। घटना के बाद राजीव ने पुलिस अफसरों को लिखित प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर उन्होंने अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कर गई है।
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Published on:
08 Sept 2025 05:49 pm
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