20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बरेली पुलिस की “दर्पण” पहल : वादी–विवेचक आमने-सामने, लापरवाही पर तीन विवेचक जांच के घेरे में

मुकदमों की विवेचना में लापरवाही और टालमटोल अब बर्दाश्त नहीं होगी। पुलिस की छवि और जनता का भरोसा मजबूत करने के लिए एसएसपी अनुराग आर्य ने एक नई पहल शुरू की है। इसका नाम दर्पण है, जिसके तहत वादी और विवेचक को आमने-सामने बैठाकर केस की समीक्षा की जा रही है।

less than 1 minute read
Google source verification

बरेली। मुकदमों की विवेचना में लापरवाही और टालमटोल अब बर्दाश्त नहीं होगी। पुलिस की छवि और जनता का भरोसा मजबूत करने के लिए एसएसपी अनुराग आर्य ने एक नई पहल शुरू की है। इसका नाम दर्पण है, जिसके तहत वादी और विवेचक को आमने-सामने बैठाकर केस की समीक्षा की जा रही है।

इस व्यवस्था में अब वादी को बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सीधे पुलिस कार्यालय में उसकी बात सुनी जाएगी और उसी वक्त विवेचक से जवाब तलब होगा। यही नहीं, जहां ढिलाई मिली, वहां तत्काल कार्रवाई भी शुरू कर दी गई।

13 मामलों की समीक्षा, तीन विवेचक जांच के घेरे में

शुक्रवार को पुलिस कार्यालय में “दर्पण” पहल के तहत 13 केसों की समीक्षा की गई। आवेदकों और विवेचकों को आमने-सामने बिठाकर सुनवाई हुई।

  • इज्जतनगर थाना के केस में विवेचक को साक्ष्यों के आधार पर तेजी से कार्रवाई के आदेश दिए गए।
  • सुभाषनगर थाना के दो मामलों में प्रभारी निरीक्षक और विवेचक की भूमिका संदिग्ध पाई गई, दोनों के खिलाफ जांच के निर्देश हुए।
  • शेरगढ़ थाना के मामले में विवेचक की ढिलाई पर कार्रवाई की संस्तुति की गई।

बाकी मामलों में विवेचना संतोषजनक पाई गई और आगे की कार्रवाई के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।

ढिलाई बर्दाश्त नहीं: एसएसपी

एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा कि विवेचना में पारदर्शिता और निष्पक्षता ही “दर्पण” पहल का मकसद है। अगर कोई विवेचक जानबूझकर लापरवाही करेगा तो उसे विभागीय जांच का सामना करना पड़ेगा।“दर्पण” की इस सख्ती से पुलिस तंत्र में जहां पारदर्शिता बढ़ी है, वहीं पीड़ितों को भी राहत की उम्मीद जगी है।


बड़ी खबरें

View All

बरेली

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग