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BEd 2019: पहले चरण की काउंसलिंग में खाली रह गईं 1.53 लाख सीटें

locationबरेलीPublished: Jun 18, 2019 04:23:03 pm

Submitted by:

jitendra verma

बीएड काउंसलिंग में शामिल अभ्यर्थियों में एडेड और सरकारी कॉलेजों में प्रवेश को लेकर क्रेज दिखा।

BEd 2019 1.53 lakh seats remained vacant in first phase of Counseling

BEd 2019: पहले चरण की काउंसलिंग में खाली रह गईं 1.53 लाख सीटें

बरेली। बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए पहले चरण की काउंसलिंग पूरी हो चुकी है और अभ्यर्थियों ने कॉलेज भी लॉक कर दिए हैं। पहले राउंड की काउंसलिंग में 1.53 लाख सीटें खाली रह गईं है। 12 हजार अभ्यर्थियों ने तो या तो कॉलेज का चयन नहीं किया है या फिर एडेड या सरकारी कॉलेजों को चुन कर छोड़ दिया है उनको भी कॉलेज नहीं मिले ऐसे में सीटें भरने की उम्मीद पाले कॉलेजों को झटका लगा है। दूसरे राउंड की काउंसलिंग के लिए 3.5 लाख अभ्यर्थियों में से 1.07 लाख ने एडमीशन के लिए पंजीकरण किया है।

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रुहेलखंड विवि ने कराई परीक्षा

इस बार बीएड प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी रुहेलखंड विवि को मिली है। प्रवेश परीक्षा के लिए इस बार पिछली बार की तुलना में तीन गुना आवेदन हुए है। 5.6 लाख अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे। पहले चरण की काउंसलिंग में 2.12 लाख तक की रैंक वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया था जिसमे से महज 92 हजार अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और मात्र 62 हजार ने ही कॉलेज में फाइनल फीस जमाकर एडमीशन लिया है। इस तरह से पहले राउंड की काउंसलिंग के बाद 1.53 लाख सीटें खाली रहीं। दूसरे राउंड में 1.07 लाख अभ्यर्थियों ने ही कॉलेज चयन किया है। सेकेण्ड राउंड में 1.25 लाख सीटें भरने की उम्मीद है।
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5.6 लाख अभ्यर्थियों ने दी परीक्षा

बीएड प्रवेश परीक्षा में 5.6 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इनमे से केवल दो लाख अभ्यर्थी ही पहले और दूसरे चरण की काउंसलिंग में शामिल हुए। 3.6 लाख अभ्यर्थी काउंसलिंग प्रक्रिया से दूर रहे। इतनी बड़ी तादात में अभ्यर्थियों के काउंसलिंग में शामिल न होने का कारण विवि नहीं तलाश पा रहा है। माना जा रहा है कि निजी कॉलेजों में मोटी फीस की वजह तमाम अभ्यर्थी काउंसलिंग से दूर रहें।
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एडेड और सरकारी कॉलेजों में मारामारी

बीएड काउंसलिंग में शामिल अभ्यर्थियों में एडेड और सरकारी कॉलेजों में प्रवेश को लेकर क्रेज दिखा। काफी संख्या में छात्रों ने सरकारी और एडेड कॉलेजों को ही प्राथमिकता में रखा। यही कारण है कि 12 हजार छात्रों को कॉलेज मिला ही नहीं।

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