
बैठक के दौरान मौजूद अफसर (फोटो सोर्स: पत्रिका)
पीलीभीत। भारत-नेपाल सीमा पर लगातार बढ़ रही अवैध गतिविधियों को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह सतर्क हो गया है। मंगलवार को गांधी सभागार में आयोजित क्षेत्रीय टास्कफोर्स की उच्चस्तरीय बैठक में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल और डीआईजी अजय कुमार साहनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सीमा क्षेत्र में अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
बैठक में सीमावर्ती गांवों में सक्रिय जाली मुद्रा गिरोह, मानव तस्करी, मादक पदार्थों की आवाजाही, पेट्रोल और खाद्यान्न तस्करी, जंगलों की अवैध कटाई जैसे गंभीर मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि अगर किसी इलाके में धार्मिक कट्टरता या बाहरी प्रभाव नजर आए तो तुरंत कार्रवाई की जाए और उच्चाधिकारियों को सूचित किया जाए।
डीआईजी अजय कुमार साहनी ने सुरक्षा बलों को निर्देश दिए कि भारत-नेपाल सीमा से रोजाना आवागमन करने वालों की पूरी जांच-पड़ताल की जाए। हर संदिग्ध गतिविधि की निगरानी की जाए। जंगल और नदी क्षेत्र पर विशेष सतर्कता बरती जाए। एसएसबी कमांडेंट को सीमा पिलरों की सुरक्षा और नियमित निगरानी के सख्त निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ने पेट्रोल और डीजल की तस्करी पर अंकुश लगाने की बात कही। वहीं, जिला मत्स्य अधिकारी को शारदा नदी में अवैध शिकार रोकने और ठेका प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश मिले।
मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की कमी को गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने दूरसंचार कंपनियों और प्रशासन को निर्देश दिए कि जहां सिग्नल नहीं पहुंचते, उन 'शैडो एरिया' में जल्द नेटवर्क सेवा बहाल की जाए। मंडलायुक्त ने कहा कि सीमावर्ती गांवों में रहने वाले पात्र लोगों को सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जाए, ताकि वे किसी बहकावे में न आएं और सीमा सुरक्षा मजबूत हो।
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह, एसपी अभिषेक यादव, अपर जिलाधिकारी, एएसपी, एसएसबी कमांडेंट, आईबी अधिकारी, आबकारी अधिकारी, औषधि निरीक्षक सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अफसर उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
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Published on:
08 Jul 2025 09:33 pm
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