यह भी पढ़ें– कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच Deepika Padukone Movie Chhappak रिलीज, सिनेमाघरों के बाहर पुलिस तैनात बता दें कि करीब चार वर्ष पहले 29 जनवरी 2016 को थाना बिशारतगंज के एक गांव में बच्ची की दरिंदगी के बाद हत्या कर दी गई। बच्ची का शव खेत में पड़ा मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसे खुलासे हुए जिसे पढ़ हर किसी की रूह कांप गई। बर्बरता का अंदाजा इसीसे लगाया जा सकता है, प्राइवेट पार्ट में लकड़ी मिली मिली थी, कई चोट के निशान थे।
पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी मुरारीलाल व उमाकांत को को दबोच लिया। पुलिस पूछताछ में दोनों ने वारदात कुबूल कर ली। मुकदमा दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया गया। केस में पीड़िता की दादी, मां के अलावा गांव के रामचंद्र जिन्होंने दरिंदों का सुराग पुलिस को दिया, गवाह बने। साल 2017 में चार्जशीट लग गई।
प्रदेश के पुलिस मुखिया की कमान संभालने के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद पुलिस ने केस की पैरवी और तरीके से की। मामले में कई बार आरोपियों ने समझौते के लिए दबाव बनाया, इसके बाद पुलिस सुरक्षा मिली। इंसानियत को शर्मसार करने वाले केस के दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।