
अयोध्या में राम मंदिर के लिए धर्मसभा से मुस्लिम भयभीत,मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी के पास आ रहे फोन
बरेली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हिंदूवादी संगठन सक्रिय हो गए हैं। जहाँ शिवसेना ने अयोध्या में शनिवार को कार्यक्रम का आयोजन किया तो रविवार को विश्व हिन्दू परिषद ने धर्म सभा का आयोजन किया। अयोध्या में बढ़ी भीड़ को लेकर मुस्लिम संगठनों ने चिंता जताई है। तन्ज़ीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और उसकी सुनवाई बराबर हो रहीं हैं अब ऐसी स्थिति में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए लाखों लोगों का जमा होना और नेताओं का विवादित बयान देना सरासर सुप्रीम कोर्ट की तौहीन है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जजों को चाहिए कि वो इसका स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें। क्योकि पूरे देश का माहौल खराब किया जा रहा है और जनता के दिलों में नफ़रत पैदा की जा रही है जो देश हित में नहीं है।
मुसलमानों को भी अयोध्या में कार्यक्रम की अनुमति मिले
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि अयोध्या और उससे सटे कई गांवों और मोहल्लों से फ़ोन आ रहे हैं, वो लोग अयोध्या में बाहर से जुटने वाली भारी भीड़ से आशंकित है। 1992 में भी हिंसा के पीछे बाहरी भीड़ का ही हाथ माना जाता है ऐसे में मुस्लिम परिवारों में भय है। उन्होंने सरकार से कहा कि हुकूमत उनको ये विश्वास दिलाए कि उनके साथ कुछ ग़लत नहीं होगा। वहां पर भय के कारण कई परिवारों ने घर छोड़ दिया है ऐसी सूरत में केन्द्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अमन व शांति की बहाली के लिए कदम उठाए। और इस तरह के कार्यक्रमों की अनुमति न दें। उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू संगठनों को अनुमति दी जा रही है तो मुस्लिम संगठन जेैसे तन्ज़ीम उलमा-ए-इस्लाम को भी अयोध्या में कार्यक्रम करने की अनुमति दी जाए।
Published on:
25 Nov 2018 05:05 pm
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