
बरेली। एसआरएमएस रिद्धिमा के प्रेक्षागृह में रविवार शाम नाटक अलाना का मंचन हुआ, जिसने दर्शकों को भावनात्मक यात्रा पर ले जाकर जीवन के वास्तविक मूल्यों का बोध कराया। डॉ. शैलेन्द्र सिंह की मूल कहानी पर आधारित इस नाटक का नाट्य रूपांतरण डॉ. प्रभाकर गुप्ता और अश्वनी कुमार ने किया, जबकि निर्देशन विनायक कुमार श्रीवास्तव का रहा।
नाटक का केंद्र पात्र अलाना (हरीम फातिमा) एक महत्वाकांक्षी युवती है, जो लग्जरी लाइफ की चाह में किसी भी हद तक जाने को तैयार होती है। बड़ी नाव, हवाई जहाज और पेरिस की सड़कों का सपना संजोए अलाना अपने अमीर दोस्तों के बावजूद खुद को अधूरा पाती है। इसी बीच उसकी जिंदगी में 65 वर्षीय बेहद संपन्न व्यक्ति भास्कर (गौरव कुमार) का आगमन होता है, जिससे वह धन की चाह में विवाह का प्रस्ताव रख देती है।
भास्कर उम्र और बीमारियों का हवाला देता है, लेकिन अलाना उसकी अनदेखी कर पति के अनुभव और अपने उत्साह से बिजनेस को ऊंचाइयों तक ले जाने का सपना बुनती है। शादी के बाद दोनों का जीवन सामान्य रहता है, तभी अलाना गंभीर बीमारी का शिकार हो जाती है। बोनमैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है, लेकिन डोनर नहीं मिलता। अंततः भास्कर का बोनमैरो मैच हो जाता है और वह अपनी जान जोखिम में डालकर अलाना को नया जीवन दे देता है। अलाना बच जाती है, लेकिन भास्कर उसी दौरान गंभीर घावों से गुजर जाता है।
भास्कर की मौत अलाना को भीतर तक तोड़ देती है। उसे एहसास होता है कि उसने प्यार के बजाय धन को प्राथमिकता देकर जीवन की सबसे बड़ी भूल की। प्रायश्चित में वह संन्यास ले लेती है, लेकिन 15 साल बाद भी मन की शांति नहीं मिलती। एक दिन वह गुरु मां (साक्षी गोयल) के पास जाती है, जो उसे सलाह देती हैं कि संन्यास नहीं, कर्म ही जीवन का मार्ग है। गुरु मां की सीख से प्रेरित अलाना अपने पति के अधूरे सपनों को पूरा करने निकल पड़ती है। वह कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाती है और बिजनेस टाइकून अवार्ड हासिल करती है, जिसे वह भास्कर की तस्वीर के सामने रखकर उन्हें समर्पित कर देती है, यही उसका सच्चा प्रायश्चित बन जाता है।
नाटक में शीन की भूमिका कविता तिवारी, डॉ. कपूर की भूमिका ऋषिता राज तथा सूत्रधार की भूमिका अनमोल मिश्रा ने निभाई। वायलिन पर सूर्यकान्त चौधरी, की-बोर्ड पर अनुग्रह सिंह, साउंड पर हर्ष गौड़ और प्रकाश संचालन जसवंत सिंह ने सम्हाला। कार्यक्रम में एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक एवं चेयरमैन देव मूर्ति, आदित्य मूर्ति, आशा मूर्ति, उषा गुप्ता, डॉ. एमएस बुटोला, डॉ. प्रभाकर गुप्ता, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. शैलेश सक्सेना, डॉ. आशीष कुमार, डॉ. रीता शर्मा सहित शहर के कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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Updated on:
16 Nov 2025 09:35 pm
Published on:
16 Nov 2025 09:34 pm
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