
बरेली। वायुसेना से सेवानिवृत्त वारंट अफसर की बेटी, जो पढ़ाई के लिए देहरादून गई थी, एक सुनियोजित साजिश का शिकार बन गई।
ऑनलाइन नेटवर्किंग और हॉस्टल की दोस्तियों के जरिए पहले उसका ब्रेनवॉश किया गया, फिर धर्म परिवर्तन कर उसे ‘सुमैया’ नाम दे दिया गया। पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड वही अब्दुल रहमान बताया जा रहा है, जो पहले भी कई धर्मांतरण मामलों में जांच के घेरे में आ चुका है।
बरेली की मूल निवासी युवती देहरादून में एमए (फाइन आर्ट) की पढ़ाई कर रही थी। उसे परिवार से प्रतिमाह ₹10,000 जेब खर्च के तौर पर मिलते थे, जो उसके लिए नाकाफी साबित हो रहे थे। ऐसे में उसने ऑनलाइन नेटवर्किंग के ज़रिए काम ढूंढना शुरू किया। इसी दौरान उसकी पहचान बरेली की एक युवती उरूज और कश्मीर की तायया से हुई, जो उसी हॉस्टल में रहती थीं। दोनों ने धीरे-धीरे उसका मानसिक रूप से ब्रेनवॉश करना शुरू किया।
वर्ष 2022 में उरूज ने उसे कलमा पढ़वाकर इस्लाम धर्म में परिवर्तित करा दिया। इसके बाद वह बरेली आई, लेकिन अपने परिवार से नहीं मिली। उसने उरूज के घर पर रुककर कुछ समय बिताया। वहीं उसकी मुलाकात कश्मीर निवासी बासित मुश्ताक से कराई गई, जिसके जरिए वह दिल्ली निवासी अभिनव कपूर उर्फ अब्दुल्ला के रिवर्ट इस्लाम ग्रुप से जुड़ गई।
धर्म परिवर्तन के बाद उसका संपर्क दुबई में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिक तहसीन से हुआ। तहसीन उसे ऑनलाइन दीनी शिक्षा देने लगा। उसे उत्तराखंड में धर्मांतरण अभियान का अगला चेहरा बनाने की योजना बनाई गई थी। गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान ने उसे "उत्तराखंड कमांडर" की भूमिका सौंपने की योजना बनाई थी।
धर्मांतरण के बाद अब्दुल रहमान के साथ निकाह की तैयारी की जा रही थी। लेकिन जब युवती को उसका मोबाइल फोन तोड़ने और देहरादून से फरार कराए जाने की योजना का पता चला, तो उसने विरोध कर दिया। इसी साहस ने उसकी जान बचाई। रानीपोखरी थाना (देहरादून) की पुलिस ने उसे दूसरी पीड़िता के साथ आगरा पहुंचाया, जहां दोनों को पीड़ित मानते हुए बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ATS, STF और NIA की नजरें भी इस नेटवर्क पर हैं। कई राज्यों में फैले इस गिरोह की जड़ें पाकिस्तान और खाड़ी देशों तक जुड़ी बताई जा रही हैं।
Updated on:
30 Jul 2025 05:20 pm
Published on:
26 Jul 2025 09:13 am
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
