
जिला अस्पताल पहुंचे एसएसपी (फोटो सोर्स: पत्रिका)
बरेली। जिला अस्पताल से हथकड़ी छुड़ाकर फरार हुआ हत्यारोपी हिस्ट्रीशीटर धीरेंद्र आखिरकार आठ घंटे बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वह रविवार दोपहर करीब एक बजे शेखूपुर रेलवे स्टेशन पर बेंच पर लेटा मिला। इस दौरान पुलिस महकमे में हड़कंप मचा रहा। एसएसपी ने आरोपी की अभिरक्षा में तैनात दोनों सिपाहियों को लापरवाही के आरोप में तुरंत निलंबित कर दिया। दोनों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया है।
इस्लामनगर पुलिस ने 15 अगस्त की रात मौसमपुर गांव के हिस्ट्रीशीटर धीरेंद्र को दबोचा था। मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लगी थी। कोर्ट से जेल भेजने के बाद जेल प्रशासन ने एक्स-रे रिपोर्ट मांगी तो पुलिस उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंची। देर हो जाने के कारण रिपोर्ट नहीं बन सकी और उसे हड्डी वार्ड में भर्ती कर दिया गया। रविवार सुबह करीब पांच बजे धीरेंद्र ने हथकड़ी से हाथ निकाल लिया और अस्पताल के पीछे की दीवार फांदकर फरार हो गया। उस वक्त उसकी सुरक्षा में तैनात हेड कांस्टेबल धर्मेंद्र और कांस्टेबल कुशहर गहरी नींद में थे।
फरारी की खबर लगते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसएसपी ने सिविल लाइंस, सदर कोतवाली, ट्रैफिक और एसओजी की टीमों को तलाश में उतार दिया। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को धीरेंद्र की लोकेशन मिली। करीब आठ घंटे बाद वह शेखूपुर रेलवे स्टेशन पर एक बेंच पर लेटा मिला। पुलिस ने बिना देरी किए उसे दबोच लिया।
पुलिस पूछताछ में धीरेंद्र ने बताया कि वह जेल जाने से पहले अपने लिए वकील करना चाहता था। उसका कहना था कि अगर जेल चला जाता तो कोई वकील उसका केस नहीं लड़ता। इसलिए वह फरार हुआ। उसने शिवपुरम गली होते हुए लालपुल तक पैदल सफर किया और फिर एक ई-रिक्शा वाले ने बिना किराए लिए उसे शेखूपुर स्टेशन तक छोड़ दिया।
धीरेंद्र पर 11 अगस्त की रात मौसमपुर गांव की बुजुर्ग महिला रातरानी उर्फ ज्ञानदेवी (65) की गला रेतकर हत्या का आरोप है। मृतका हापुड़ के बहादुरगढ़ चौकी प्रभारी मनवीर सिंह यादव की मां थीं। हत्या के बाद बदमाश सोने के गहने भी लूट ले गए थे। इसी केस में पुलिस ने धीरेंद्र को गिरफ्तार किया था।
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Published on:
17 Aug 2025 09:01 pm
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