बेटी को पढ़ाने के लिए कहा तो दे दिया तलाक, शौहर बोला- मोदी, योगी भी कुछ नहीं कर सकते
मामला उन लोगों के मुंह पर करारा तमाचा है, जो तीन तलाक के कानून का विरोध कर रहे हैं।

बरेली। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी तीन तलाक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बरेली में एक महिला को इस वजह से तलाक दे दिया गया क्योंकि उसने अपनी चार साल की मासूम बेटी को स्कूल में पढ़ाने के लिए अपने पति से कहा था। जिस वजह से उसके साथ मारपीट कर घर से निकाल दिया गया और सड़क पर पति ने आकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। इतना ही नही शौहर ने तलाक देते वक्त ये भी कहा कि मोदी और योगी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। अब तलाक पीड़ित महिला ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी की बहन फ़रहत नक़वी की बहन से मदद मांगी है।
सड़क पर दिया तलाक
किला इलाके के कटघर की रहने वाली नाजरीन का निकाह 2011 में प्रेमनगर के भूड़ मोहल्ले के वसीम से हुआ था। एक साल बाद उसके एक बेटी ने जन्म लिया। बेटी के जन्म लेते ही उसके जीवन में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि ससुराल वाले बेटा चाहते थे। बेटी पैदा होते ही उसके ऊपर जुल्म होने लगे। पति आये दिन उसके साथ मारपीट करने लगा और जब बेटी चार साल की हो गई तो नाजरीन ने उसका एडमिशन कराने के लिए अपने पति से कहा। जिसके बाद पति ने बेटी को पढ़ाने से मना कर दिया और अपनी पत्नी को मारपीट कर चार साल की मासूम बेटी के साथ घर से निकाल दिया। नाजरीन को गुरुवार को सड़क पर उसके पति ने रोककर तीन बार तलाक़ बोल दिया।
मेरा हक करेगी मदद
नाजरीन ने अब तलाक पीड़ितों के लिए संगठन चलाने वाली समाजसेवी फरहत नक़वी से न्याय की गुहार लगाई है। फरहत का कहना है कि अगर तलाक़ का कानून बन गया होता तो लोगों में भय होता और वो तलाक़ नहीं देते। उनका कहना है कि नाजरीन का मामला राष्ट्रीय महिला आयोग भिजवाया जाएगा और उसे न्याय दिलाया जाएगा।
15 दिन में तीन मामले आए सामने
गौरतलब है कि बरेली में पिछले 15 दिनों में तलाक के तीन मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में जरूरत हैं उन लोगों को सोचने की जो तीन तलाक़ के कानून का विरोध कर रहे हैं।
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