
बरेली। सीमाओं की सरहद पर जज्बा और देशभक्ति का रंग भरने वाली कुमाऊं कार रैली सोमवार को बरेली से रवाना हुई। लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा (एवीएसएम), जनरल ऑफिसर कमांडिंग, उत्तर भारत क्षेत्र ने हरी झंडी दिखाकर रैली को विदा किया। भारतीय सेना की अगुवाई में हो रही इस रैली को YOLO Adventure (आर्या वोरा), राजस्थान मोटर स्पोर्ट्स और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेट लिमिटेड का सहयोग मिला है।
यह रैली एक हफ्ते तक पहाड़ों और सीमाई इलाकों से होते हुए गुजरेगी। कारों का काफिला पिथौरागढ़, धारचूला, गुंजी, लिपुलेख, ओम पर्वत, कालापानी, आदि कैलाश और नैनीताल से होते हुए 22 सितंबर को फिर बरेली लौटेगा। यह सफर जितना रोमांचक है, उतना ही आध्यात्मिक भी। ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों पर चलने वाली यह यात्रा जहां साहस की परीक्षा होगी, वहीं लोगों के दिलों में देशभक्ति का जज्बा भी जगाएगी।
रैली में 10 पंचशूल गनर्स, आर्मी वेटरन्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स हिस्सा ले रहे हैं। सफर के दौरान ये प्रतिभागी सीमाई गाँवों के ग्रामीणों, पूर्व सैनिकों और स्कूली बच्चों से मिलेंगे और उन्हें सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करेंगे।
रैली का मकसद सिर्फ सीमावर्ती गाँवों में देशभक्ति और राष्ट्रीय गर्व की भावना जगाना, कुमाऊं में पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय लोगों को रोजगार के मौके देना है। वहीं सरहद से लगे गाँवों में हो रहे पलायन पर रोक लगाना, Vibrant Villages Initiative को गति देना, सेना की वीरता और कुमाऊं की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देना है। कुमाऊं कार रैली यह संदेश दे रही है कि सरहद पर बसे गाँव सिर्फ एक बॉर्डर नहीं, बल्कि भारत की असली ताकत और आत्मा हैं।
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Published on:
15 Sept 2025 08:46 pm
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