
बरेली। पत्नी की हिस्सेदारी वाली जमीन को बिना अनुमति और जानकारी के बेचने के मामले में एक हैरान करने वाला मोड़ सामने आया है। पुलिस ने न सिर्फ आरोपी पति और खरीदारों पर बल्कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय के पदाधिकारी पर भी मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले ने शहर के रजिस्ट्री विभाग में खलबली मचा दी है।
पंजाबपुरा निवासी अलका शर्मा ने कोतवाली में तहरीर दी कि उनके पति अम्बरीश शंखधार ने उन्हें धोखे में रखकर उनकी संयुक्त संपत्ति बेच डाली। अलका के अनुसार, वर्ष 2016 में उन्होंने अपने पिता स्व. प्रभा शंकर शर्मा की आर्थिक मदद से ग्राम नरियावल में 250 वर्ग मीटर का प्लॉट खरीदा था। रजिस्ट्री पति-पत्नी के संयुक्त नाम पर हुई थी, लेकिन पति ने बिना बताकर यह पूरी जमीन 21 जुलाई 2025 को रवि शंकर व जयशंकर द्विवेदी के नाम बेच दी।
यह रजिस्ट्री उपनिबंधक सदर द्वितीय कार्यालय में की गई, जिसमें सुधा द्विवेदी और नरेंद्र सिंह गवाह बने। शिकायतकर्ता का आरोप है कि रजिस्ट्री कार्यालय के जिम्मेदारों ने भी मिलीभगत कर फर्जी तरीके से दस्तावेज़ पूरे कराए, जबकि उनका हिस्सा अविभाजित था।
मामले की शिकायत जब एसएसपी अनुराग आर्य तक पहुंची, तो उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच के बाद पति, दोनों खरीदारों, गवाहों और सब रजिस्ट्रार कार्यालय के पदाधिकारी सहित कुल छह लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
कोतवाल अमित पांडे ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। आरोप गंभीर हैं, इसलिए दस्तावेज़ों की जांच राजस्व और स्टांप विभाग से भी कराई जाएगी।
इस बीच, सब रजिस्ट्रार सदर द्वितीय राजेंद्र प्रसाद पांडे ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री में सब रजिस्ट्रार की भूमिका सीमित होती है। हम केवल स्टांप शुल्क और दस्तावेजों की औपचारिकता की जांच करते हैं। अगर किसी ने धोखे से गलत दस्तावेज दिए हैं तो यह जांच का विषय है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैंने कोई गलत रजिस्ट्री नहीं की है।
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Updated on:
31 Oct 2025 10:24 pm
Published on:
31 Oct 2025 10:23 pm
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