
दोबारा निकाह के लिए ससुर के साथ करना पड़ा हलाला फिर भी नहीं रखा साथ
बरेली। तीन तलाक के बाद अब मुस्लिम महिलाओं ने हलाला और बहु विवाह के खिलाफ आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है। आला हजरत खानदान की बहू रह चुकी तीन तलाक पीड़ित निदा खान के नेतृत्व में रविवार को 30 से ज्यादा पीड़ित महिलाओं ने हलाला और बहु विवाह के खिलाफ आवाज उठाई। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि सरकार जो तीन तलाक को लेकर कानून बना रही है उसके साथ ही हलाला और बहु विवाह के खिलाफ भी कानून बने जिससे मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ मिल सके और इन मामलों में कमी आए।
ससुर ने किया हलाला
गढ़ी चौकी की रहने वाली सबीना का निकाह 2009 में बानखाना के रहने वाले वसीम हुसैन के साथ हुआ थी लेकिन शादी के बाद जब सबीना को बच्चा नहीं हुआ तो उसके साथ मारपीट होने लगी और एक दिन उसके पति ने उसे तलाक देकर घर से निकाल दिया। जिसके बाद शबीना को दोबारा अपने शौहर के साथ रहने के लिए ससुर के साथ हलाला करना पड़ा लेकिन कुछ दिन साथ रहने के बाद शबीना को उसके शौहर ने 2017 में दोबारा तलाक दे दिया और अब उसके देवर के साथ हलाला की बात कर रहे हैं। शबीना ने पुलिस में मुकदमा भी दर्ज करा रखा है लेकिन आरोप है कि पुलिस भी कोई मदद नहीं कर रही है।
हलाला के बाद भी नहीं मिली राहत
किला की रहने वाली निशा का निकाह सुर्खा के रहने वाले अनवर के साथ 1999 में हुआ था। निशा का कहना है कि शादी के बाद उसके चार बच्चे हुए और उसका पति शराबी है जिसके कारण शराब के नशे में आए दिन उसके साथ मारपीट करता था और 2010 में उसे तलाक दे दिया। जब उसके घर वालों ने उसके शौहर से साथ रखने की बात की तो वो निशा को अपने साथ रखने को तैयार हो गया जिसके लिए निशा का उसके दोस्त के साथ हलाला कराया गया लेकिन हलाला होने के बाद भी उसका शौहर उसे अपने साथ रखने को तैयार नहीं हुआ उल्टा उसकी मजाक बनाई गई। निशा आज अपने बच्चों के साथ भाई के यहां रह रही है। निशा का कहना है कि तलाक की वजह से महिलाओं की जिंदगी नर्क बन जाती है उनका कहना है कि जब निकाह के समय उनसे पूछा जाता है कबूल है तो तलाक के समय क्यों नहीं पूछा जाता।
Updated on:
10 Jul 2018 01:16 pm
Published on:
09 Jul 2018 05:09 pm
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