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तीन तलाक के बाद अब हलाला और बहुविवाह पर कदम उठाने जा रही मोदी सरकार!

तीन तलाक के बाद मोदी सरकार, मुस्लिम महिलाओं के लिए दो और बड़े फैसले लेने जा रही है।

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तीन तलाक

तीन तलाक के बाद अब हलाला और बहुविवाह पर कदम उठाने जा रही मोदी सरकार!

नई दिल्ली। मोदी सरकार एक बार फिर से मुस्लिम महिलाओं के हित में कदम उठाने जा रही है। तीन तलाक के बाद मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं के लिए दो और बड़े फैसले लेने जा रही है। बता दें कि सरकार तीन तलाक के बाद मुस्लिम समुदाय में फैले निकाह हलाला और बहुविवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने की तैयारी में है।

लोकसभा में पारित हो चुका है तीन तलाक का बिल

आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार निकाह हलाला और बहुविवाह को खत्म करने के पक्ष में है। लेकिन संभावना यह है कि मुस्लिम समुदाय के कई संगठन इसे शरीयत और मुस्लिम पर्सनल लॉ में सरकार का हस्तक्षेप मानकर विरोध कर सकते है। हालांकि इन सबके बीच निकाह हलाला और बहुविवाह को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में अभी तक केंद्र सरकार ने कोई भी याचिका दाखिल नहीं की है।

रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार लोकसभा में तीन तलाक बिल पारित कराने के बाद मुस्लिम महिलाओं को निकाह हलाला और बहुविवाह की कुरीतियों से निजात दिलाने के लिए कदम उठाने पर काम कर रही है। इस संबंध में सरकार संसद में बिल भी ला सकती है। बता दें कि मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक के मामले में लाया गया बिल अभी भी राज्यसभा में अटका हुआ है। इससे पहले मोदी सरकार ने लोकसभा में इसे पारित करा लिया था लेकिन राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं होने के कारण यह बिल अब तक अटका हुआ है।

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कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने उठाया था सवाल

आपको बता दें कि तीन तलाक के मामले में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे और संशोधन की मांग की थी। जबकि मोदी सरकार इसमें कोई भी संशोधन नहीं करना चाहती थी। यही कारण है कि तीन तलाक का बिल राज्य सभा में अटका हुआ है। कई मुस्लिम संगठन हैं जो कि सरकार के तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं। मुस्लिम संगठनों का कहना है कि मोदी सरकार उनके धार्मिक मामलों में दखल दे रही है, जबकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से तीन तलाक पर कानून बनाने को कह चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। दूसरी और मोदी सरकार का कहना है कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं के हित में हैं। तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। मोदी सरकार ने हमेशा कहा है कि वह समानता के अधिकार के तहत मुस्लिम महिलाओं को भी उनका हक दिलाने के लिए लड़ाई लड़ती रहेगी।