
शेष पांच माह अगले 5 साल की दिशा तय करेगा
बूंदी. जिला भाजपा की संगठनात्मक बैठक व शक्ति केन्द्र संयोजक कार्यशाला गुरुवार को जैतसागर रोड स्थित रिसोर्ट में हुई। कार्यशाला में केबिनेट मंत्री बाबू लाल वर्मा ने कार्यकर्ताओं से पार्टी के पक्ष में मजबूती से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह शेष 5 माह अगले 5 साल की दिशा तय करेगा। सांसद ओम बिरला ने कहा कि भाजपा संगठन के आधार पर चलने वाला कार्यकर्ताओं का दल है, क्योकि सेवाएं विशिष्ठता व प्रामाणिकता हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता हर परिस्थिति में पार्टी को परम वैभव पर ले जाने का लक्ष्य मन में रखे। हम केडर के आधार पर कभी भी खत्म नहीं हो सकते। उन्होंने शक्ति केन्द्र के प्रभारियों से नियमित व निरन्तर सम्पर्क की आदत डालने पर जोर दिया।
सुभाष बहेडिय़ा ने कहा कि 7 जुलाई को जयपुर में प्रधानमंत्री केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से रूबरू होंगे। विधायक अशोक डोगरा ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा से 15 सौ लाभार्थियों को ले जाने का लक्ष्य तय किया हैं। कार्यशाला के जिला प्रभारी हेमराज मीणा ने कहा कि शक्ति केन्द्र पर 6 5 प्रतिशत भाजपा जीते इसके लिए लाभार्थियों से सीधे सम्पर्क स्थापित किया जाना चाहिए। अध्यक्षता करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष महिपत सिंह हाड़ा ने बैठक प्रस्ताव रखा एवं 7 जुलाई को प्रधानमंत्री की जयपुर की प्रस्तावित यात्रा का विवरण दिया। संचालन जिला महामंत्री शक्ति सिंह आसावात ने तथा धन्यवाद जिला कार्यालय प्रभारी रामेश्वर मीणा ने ज्ञापित किया। कार्यशाला की शुरुआत अतिथियों ने दीप प्रज्वलन के साथ की।
शक्ति केंद्रों को और सशक्त बनाने के लिए पूर्व पालिकाध्यक्ष गिरिराज शर्मा, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष भगवान लाड़ला, जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मीकांत शृंगी व पवन बैरागी,नैनवां शहर अध्यक्ष पुखराज ओसवाल, जिलामंत्री लक्ष्मण रैबारी, कच्ची बस्ती प्रकोष्ठ संयोजक महावीर प्रसाद वर्मा, प्रभुलाल सेन आदि ने सुझाव रखे। जिला प्रभारी शंकर लाल ठाड़ा,सभापति व जिला महामंत्री महावीर मोदी,पूर्व विधायक प्रभु लाल करसोलिया व ओम प्रकाश शर्मा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शौकीन चंद राठौर, पूर्व जिलाध्यक्ष कुंज बिहारी बील्या, कालू लाल जांगिड़, भंवरलाल शर्मा व हेमराज नागर भी मंचासीन रहे।
सत्ता ने कार्यकर्ता को दूर रखा
कार्यशाला में भाजपा पदाधिकारियों ने सरकार में बैठे लोगों के कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं करने की पीड़ा भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता की सत्ता में बैठे लोग नहीं सुनते। उन्हें तो अब चुनाव करीब आने के बाद याद किया जाने लगा है।कई वक्ताओं ने तो यहां तक कहा कि बंद कमरों में बैठकर नीतियां बनाने वाले कार्यकर्ताओं का ध्यान नहीं रखते। हाल ही में हुए शिक्षकों के स्थानान्तरण के मामलों में भी सुनवाई नहीं किए जाने का मामला मंच से पदाधिकारियों ने उठाया।
Published on:
29 Jun 2018 12:46 pm
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