
Video :मुसलमानों के मसाइल शिक्षा से ही हल होंगे - ब्रिगेडियर अहमद अली
बरेली। पैगामे इंसानियत की 13वीं तालीमी कांफ्रेंस का आयोजन रविवार को आईएमए हॉल में हुआ। इस तालीमी कांफ्रेंस में बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल नंबर लाने वाले मेधावियों को सम्मानित किया गया इसके साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने वाले छात्रों को भी सम्मानित किया गया।
शिक्षा सिस्टम पुराना
कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रो0 वीसी ब्रिगेडियर सय्यद अहमद अली ने कहा कि किसी भी कौम के उत्थान के लिए सबसे पहले शिक्षा जरूरी है। मुसलमानों के मसाइल शिक्षा से ही हल होंगे। इसके लिए उन्हें उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान बनाने होंगे। टोरंटो कनाडा से कांफ्रेस में शामिल होने आए मुख्य वक्ता प्रोफेसर इदरीस सिद्द्की ने बच्चों की बुनियादी शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि भारत का इंटरमीडिएट तक का स्लेबस यूरोप से अच्छा है लेकिन पुरानी शिक्षा पद्धति की वजह से हम पिछड़ गए हैं। उन्होंने बच्चों के लिए स्टोरी टेलिंग मैथड यानि कहानी द्वारा साइंस की तालीम देने की पुरजोर वकालात की। कांफ्रेंस में सुहैल फारूक खान ने कहा कि हमारी शिक्षा का पूरा सिस्टम पुराना हो चुका है। इसे फिर से बनाने की जरूरत है। सांरक्षी कहानियों को एमिनेशन में बदलने की वकालात की।
बच्चों को तालीम दिलाती है संस्था
पैगामे इंसानियत की स्थापना एक ख़ास उद्देश्य से मरहूम डॉ0 एजाज हसन खान ने की थी। इसमें शहर के दानिशवरों के साथ ही डॉक्टर, इंजीनियर और माहिरे तालीम शामिल है। इस संस्था का शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष योगदान रहा है। संस्था हर साल 100 गरीब बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाती है। छात्रों के ड्रेस और स्टेशनरी का इंतजाम भी संस्था द्वारा किया जाता है। संस्था द्वारा गरीबों के लिए हर माह मेडिकल कैंप का भी आयोजन किया जाता है। तालीमी कांफ्रेंस में मुख्य रूप से अजीज खान, सय्यद नोमान, शारिक वदूद, सय्यद वजाहत हुसैन, इकराम आदि मौजूद रहें।
Published on:
18 Nov 2018 05:09 pm
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