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बरेलीः रामगंगा बैराज बनेगा पर्यटन स्थल

बैराज की गुणवत्ता के लिये समय-समय पर आईआईटी रुड़की व अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों की लैबोरेटरी से जांच करायी जाती है।

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बरेली

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Amit Sharma

Apr 19, 2018

Dharmpal Singh

बरेली। रामगंगा नदी पर बन रहे रामगंगा बैराज का काम जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बदायूं सिंचाई परियोजना के नाम से मशहूर रामगंगा बैराज का निरीक्षण किया और अफसरों को जल्द कार्य पूरे करने के निर्देश दिए। समाजवादी पार्टी की सरकार में बनना शुरू हुए इस बैराज के बन जाने से बरेली और बदायूं के किसानों को काफी लाभ मिलेगा। बैराज का काम 85 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है बाकी कार्य भी जुलाई तक पूरे होने की उम्मीद है।


बढ़ गई चार गुना लागत

सिंचाई मंत्री ने निर्माणाधीन बैराज के ऊपर एवं नीचे दोनों स्थलों पर जाकर कार्यों को देखा और अधिकारियों से कार्य पूर्ण होने, कार्य की गुणवत्ता, नहरों के संचालन आदि के बारे में विस्तार से पूछताछ की। बैराज का लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। सिविल कार्य लगभग पूर्ण है। मैकेनिकल कार्य बाकी है जो किया जा रहा है। वर्ष 2011-12 में स्वीकृत इस बैराज की लागत 630.44 करोड़ रुपए थी जो अब बढ़कर लगभग चार गुनी 2208.22 करोड़ रुपए हो गई है। सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि पूर्व में बैराज हेतु ली गई भूमि का उचित मुआवजा किसानों को नहीं मिलने से कार्य बाधित हुआ। योगी सरकार ने किसानों को भूमि का सर्किल रेट का चौगुना कीमत देकर भूमि ली और कार्य तेजी से बढ़ा है इसी से बैराज की लागत बढ़ गई है।

बरेली-बदायूं के किसानों को होगा फायदा

सिंचाई मंत्री ने बताया कि बैराज से 463.30 किलो मीटर लम्बाई की कुल नहरें निकलेंगी जिनसे 37453 हैक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी इस परियोजना से प्रधानमंत्री का किसानों की आय दो गुना करने का सपना भी पूरा होगा। इस बैराज से बरेली की सदर, आंवला तहसील व बदायूं की दातागंज व सदर तहसील के ग्रामों के किसानों की जमीन सिंचित होगी।


बनेगा पर्यटन स्थल
बैराज की गुणवत्ता के लिये समय-समय पर आईआईटी रुड़की व अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों की लैबोरेटरी से जांच करायी जाती है। धर्मपाल सिंह ने कहा कि देश की संपदा धरती है। नदियों का लुप्त होना संकट का संदेश देता है। प्रदेश में विलुप्त हो रही छह नदियों के पुनर्जीवीकरण का कार्य मॉडल के रुप में किया गया है। यह बैराज बरेली के लिये एतिहासिक धरोहर होगा। यहां सांस्कृतिक, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु बैराज पर घाटों का निर्माण कराया जायेगा। इस क्षेत्र में कई धार्मिक, सांस्कृतिक मेले यहां लगते हैं। पूर्णिमा, आमावस्या पर भी जन समुदाय रामगंगा में स्नान को आते हैं। घाटों से यहां देश की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा। सिंचाई मंत्री ने निर्माणाधीन एजेन्सी को निर्माण कार्य तेजी से जून-जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिये।