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‘अपने कारनामे छिपाने के लिए लाया जा रहा था काला कानून’

राजस्थान पत्रिका ने उठाई थी काला कानून के खिलाफ आवाज

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बरेली

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Mukesh Kumar

Feb 20, 2018

नेता

बरेली। राजस्थान सरकार द्वारा लाए जा रहे काले कानून के खिलाफ राजस्थान पत्रिका समूह ने मुहिम चलाई। जिसके बाद सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और इस प्रस्तावित कानून को वापस लेना पड़ा। पत्रिका समूह की इस मुहिम की राजनैतिक लोगों ने जमकर तारीफ की और मुहिम चलाने के लिए पत्रिका का धन्यवाद किया।


'राजस्थान पत्रिका को धन्यवाद'
पूर्व मेयर कांग्रेस की नेता सुप्रिया ऐरन का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की यही पॉलिसी है कि सभी को दबाकर रखा जाए। भाजपा की सरकार में मीडिया की दुर्गति हुई है। एक पत्रकार भी होने के नाते में यह कहना चाहती हूं कि ऐसा लगता है जैसे भाजपा ने मीडिया को गुलाम बना लिया हो। राजस्थान पत्रिका की इस मुहिम के लिए मैं संस्थान को बहुत बहुत धन्यवाद देती हूं। जिसने सरकार के खिलाफ मुहिम चलाई। जिससे सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। इसी तरह से सरकार की हर कमी को मीडिया को उजागर करते रहना चाहिए।


भाजपा पर साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अताउर्रहमान का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहती है कि कोई उनके खिलाफ आवाज न उठाए और उनके काले कारनामों को उजागर न करें। जो उनके खिलाफ बोलता है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। जेल में डाल दिया जाता है। आपने ने जो मुहिम चलाई है उसके लिए शुक्रिया जिससे वसुंधरा सरकार को कानून वापस लेना पड़ा।


इस तरह की मुहिम की जरुरत
आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक और मेयर प्रत्याशी नवनीत अग्रवाल का कहना है कि भ्र्ष्टाचार अकेला आदमी नहीं करता है बल्कि इसमें सरकारें भी शामिल रहती है। नीरव मोदी इसका उदाहरण है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे चाहती हैं कि उनके काले कारनामे मीडिया में न आएं। जिसकी वजह से वो ऐसा कानून ला रही थीं लेकिन उन्हें दबाव में कानून वापस लेना पड़ा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मीडिया को इसी तरह से जागरुक होकर मुहिम चलानी चाहिए।


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