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Sharad Purnima 2019 : जरूर करें ये काम, सब कष्ट होंगे दूर, जानिए पूजा विधि

शरद पूर्णिमा के दिन से ही व्रत एवं कार्तिक स्नान आरम्भ हो जाएगा।

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Sharad Purnima

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बरेली। आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं, ज्योतिष की मान्यता है कि सम्पूर्ण वर्ष में केवल इसी दिन चन्द्रमा अपनी षोडश कलाओं का होता है। बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा ने बताया कि इसी दिन कोजागरी व्रत किया जाता है। इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं।इस बार यह व्रत 13 अक्टूबर ,रविवार को स्थिर योग में विशेष फलदायी होगा। शरद पूर्णिमा के दिन से ही व्रत एवं कार्तिक स्नान आरम्भ हो जाएगा।

करें चंद्र दर्शन

शरद पूर्णिमा की जितनी महत्ता ज्योतिष और आयुर्वेद में है, उतना ही प्रेम रस से ओत प्रोत समाज में है।इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारास लीला सम्पन्न की थी।शरद पूर्णिमा ज्योतिष और आयुर्वेद की दृष्टि से तब अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है,जब इस पूर्ण चंद्र का आश्विन नक्षत्र में दर्शन हो। पूर्णिमा की रात में चंद्रमा का दर्शन अत्यंत सुख देने वाला होता है इससे शरीर के रोग दूर होते हैं, चर्म रोग भी दूर होते हैं, मनोविकार एवं मनोरोगियों के लिए यह चंद्रमा अति स्वास्थ्यवर्धक होता है।नेत्र रोग वाले व्यक्तियों के लिए इस पूर्णिमा के चंद्र बिम्ब का एक टक दर्शन नेत्र संजीवनी के समान होता है।इस रात्रि नेत्र रोगियों को केवल चंद्रमा की चाँदनी में ही सुई में धागा सौ बार पिरोना चाहिये।इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है।

कैसे करें पूजा

इस दिन प्रातः काल स्नान करके आराध्य देव को सुंदर आभूषण से सुशोभित करके आवाहन,आसन,आचमन,वस्त्र, गंध,अक्षत,पुष्प,धूप- दीप,नैवेध, ताम्बूल, सुपारी,दक्षिणा आदि से उनका पूजन करना चाहिये।रात्रि के समय गाय के दूध से बनी खीर अर्द्ध रात्रि के समय भगवान को अर्पण करना चाहिए।खीर को खुली चांदनी में रखकर दूसरे दिन उसका प्रसाद बांटना चाहिए।पूर्णिमा का व्रत करके कथा सुनना चाहिए।एक लोटे में जल,गिलास में गेहूं,पत्ते के दोने में रोली तथा चावल रखकर कलश पर तिलक करके गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर कथा सुननी चाहिए, लोटे के जल का रात्रि को चंद्रमा को अर्ध्य देना चाहिए।इस दिन की ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी रात्रि में विचरण करती हैं।इस दिन इंद्र एवं माता लक्ष्मी की पूजा करके श्रीसूक्त,लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ एवं माँ लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष कृपा उन पर होती है जो जाग रहा होता है।