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रिटायर्ड फौजी की जमीन पर कब्जा, 30 साल बाद दर्ज हुई एफआईआर

आखिर तीस साल बाद अब रिटायर्ड फौजी को न्याय की उम्मीद बंधी है।

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बरेली

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Amit Sharma

Apr 26, 2018

Army Man

बरेली। भले ही सरकार पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए अफसरों को समय समय पर निर्देश देती हो लेकिन अफसर फरियादियों को चक्कर कटवाने से बाज नहीं आते हैं। ऐसा ही एक मामला बरेली में देखने को मिला है जहां पर एमईएस से रिटायर्ड कर्मचारी को प्लॉट पर कब्जा लेने के लिए 30 साल गुजर गए लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। भूमाफिया से जमीन वापस लेने के लिए उसे तीस साल हो गए अफसरों की परिक्रमा करते हुए लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। आखिर तीस साल बाद अब उसे न्याय की उम्मीद बंधी है। एडीजी के आदेश पर पीड़ित का मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच शुरू हो गई है।

30 साल से लगा रहे थे चक्कर

बृजमोहन एमईएस से रिटायर हुए हैं। ब्रजमोहन के चेहरे पर झुर्रियां पड़ी हुई हैं और काफी कमजोर भी हैं उनकी जमीन पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है। अब वो अपने बेटे के साथ रोज अफसरों के चक्कर काटते रहते हैं पिछले 30 सालों से उनके साथ यही हो रहा है वो अफसरों से लगातार शिकायतें कर रहे थे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। अब जाकर एडीजी प्रेमप्रकाश के आदेश पर बारादरी थाने में एफआईआर हुई है लेकिन प्लाट पर अभी तक पुलिस इन्हें कब्जा नहीं दिलवा सकी है।

1987 में लिया प्लॉट

ब्रजमोहन के बेटे अंकित का कहना है कि उन्होंने 1987 में कृष्णा आवास समिति से बारादरी थाना क्षेत्र के रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के पास 200 गज का प्लाट खरीदा था। उनका कहना है कि जमीन बेचने के बाद से न प्रॉपर्टी डीलर ने उन्हें कब्जा दिया न ही उनसे मिला। तब से उन्होंने कई बार शिकायतें की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

एफआईआर हुई दर्ज

वहीं इस मामले में एसएसपी जोगेंद्र कुमार का कहना है कि एडीजी के आदेश पर बारादरी थाने में भूमाफिया के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है उनका कहना है कि अब वो राजस्व विभाग की टीम को भेज कर मामले की जांच करवाएंगे और अगर जांच में ब्रजमोहन की शिकायत सही पाई जाती है तो भूमाफियाओं पर शिकंजा कसा जाएगा।