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जबलपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के दौरे के पहले एक अहम खबर आई है। ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) ने एमुनेशन ग्रुप की निर्माणियों के उत्पादन का लक्ष्य आधा कर दिया है, इससे आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) को भी बड़ा झटका लगा है। इस स्थिति से वरिष्ठ महाप्रबंधक ने बुधवार को लोकल प्रोड्क्टविटी काउंसिल, जेसीएम और वक्र्स कमेटी के सदस्यों से अवगत कराया। हालांकि यह स्पष्ट होना बाकी है कि फैक्ट्री के २ हजार करोड़ के उत्पादन लक्ष्य में कितनी कटौती हुई है। गौरतलब है कि पीएम मोदी २७-२८ अपै्रल को चीन जा रहे हैं जहां वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मिलेंगे। डोकलाम विवाद के बाद दोनों राष्ट्रप्रमुखों की ये मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है।
देश में एमुनेशन ग्रुप के तहत आठ फैक्ट्री हैं। सेना से इन फैक्ट्री को ६ हजार करोड़ का उत्पादन लक्ष्य मिलता है। इसे घटाकर लगभग २ हजार ९०० करोड़ कर दिया गया है। वरिष्ठ महाप्रबंधक एके अग्रवाल ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को इससे अवगत कराते हुए कहा, अब इसी हिसाब से उत्पादन किया जाएगा। उत्पादन लक्ष्य में कटौती पर यूनियन में आक्रोश है। उसका कहना है कि बीएमपी-२ बम के ४२ लाख से ज्यादा राउंड सेना ने निजी क्षेत्र से खरीद लिया है। सरकार ने इसे रोका तक नहीं।
ये बम बनेंगे कम- बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार ८४ एमएम टीपीटी का पहले ५ लाख राउंड का ऑर्डर मिला था, जो २ लाख किया जा सकता है। ८४ एमएम हाई एक्सप्लोसिव ३ तीन लाख बनता था वह भी २ लाख किया जाएगा। मैंगो प्रोजेक्ट के तहत १२५ एमएम एफएस-एपीडीएस बम के १२ हजार में से ५ हजार राउंड बन चुके हैं, अब ७ हजार राउंड बनेंगे। ३० एमएम हाई एक्सप्लोसिव भी २.५० लाख राउंड की जगह एक लाख कर दिया गया है। ३० एमएम एपीटी सेल भी २.५० लाख की जगह १.५० लाख कर दिया गया है। इसी तरह ८४ एमएम स्मोक कैंडल बम भी हर साल ५० से ६० हजार राउंड तैयार होता था, इसमें कटौती कर करीब ५ हजार कर दिया है।
ओएफके के अपर महाप्रबंधक बीपी मिश्रा बताते हैं कि एमुनेशन ग्रुप के टारगेट में बोर्ड ने कटौती की है। वरिष्ठ महाप्रबंधक ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को इस सम्बंध में अवगत कराया है। एेसी स्थिति में कैसे उत्पादन करना है, इस पर चर्चा हुई है।
Published on:
26 Apr 2018 08:58 am
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