तीन बार बने विधायक सुलतान बेग की मीरगंज इलाके में मजबूत पकड़ मानी जाती है और वो इस क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने गए। सुल्तान बेग पहले सपा में थे और उन्होंने कावर विधानसभा से 2002 और 2007 के चुनाव में चुनाव में जीत हासिल की इसके बाद उनपर बसपा सरकार में मुकदमा दर्ज हो गया जिसके बाद वो सपा छोड़ बसपा में शामिल हो गए और कावर विधानसभा के विलय के बाद बनी नयी विधानसभा मीरगंज पर बसपा के बैनर तले एक बार फिर सुल्तान बेग ने फतेह हासिल की। पिछले चुनाव में सुल्तान बेग ने भाजपा के डाक्टर डी सी वर्मा को आठ हजार वोटों से हराकर यह सीट अपने नाम की थी। इस बार के चुनाव में सुल्तान बेग बसपा के टिकट पर मीरगंज से चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
आखिर मिल गई सदस्य्ता जनवरी में सुल्तान बेग ने बसपा छोड़कर सपा में शामिल होने की कवायद शुरू की तो शहजिल इस्लाम और उनके पिता पूर्व विधायक इस्लाम साबिर सुल्तान बेग की खिलाफत में उतर आए। इस्लाम साबिर और शहजिल ने सपा मुखिया अखिलेश यादव तक अपना विरोध व्यक्त किया। इन दोनों को मीरगंज से पिछला विधानसभा चुनाव सपा से लड़े हाजी जाहिद का साथ भी मिला। विरोध के कारण सुल्तान बेग को सपा में शामिल किए जाने का मामला ठंडे बस्ते के हवाले हो गया लेकिन सुल्तान बेग लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद स्थानीय स्तर पर सपा के कार्यक्रमों में शामिल होने लगे। अब आखिरकार सुल्तान बेग समाजवादी पार्टी की सक्रिय सदस्यता पाने में सफल रहे।