मरीज की नहीं हुई पहचान 108 एंबुलेंस ने कुछ दिनों पहले एक अजनबी मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसे बाद में आर्थो वार्ड में रेफर कर दिया। आसपास के मरीजों ने बताया कि तड़के तीन बजे अजनबी मरीज अपने बेड पर ही बीड़ी पीने लगा। इसी दौरान सुलगती हुई बीडी उसके बेड पर गिर गई। देखते ही देखते चादर और गद्दे ने आग पकड़ ली। उस दौरान ज्यादातर मरीज सो रहे थे। वार्ड से धुआं भरने लगा तो नींद से जागे मरीज जान बचाने को इधर-उधर भागने लगे। मरीजों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। इससे अनहोनी टल गई। हालांकि इस हादसे में अजनबी मरीज के दोनों पैर झुलस गए। उसे वर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है।जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
आग बुझाने के नहीं थे उपकरण इस हादसे से जिला अस्पताल के सुरक्षा इंतजामों की पोल खुल गई। वार्ड में आग बुझाने के कोई भी यंत्र नहीं थे और मरीज के आग लगने के बाद वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया और मरीज को बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया लेकिन बुरी तरह की झुलस जाने के बाद मरीज की मौत हो गई। हादसे के बाद जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर केएस गुप्ता ने जांच के आदेश दिए है।