किस राशि का कौन सा वृक्ष 1. मेष राशिः- इसका वृक्ष मुख्यतः लाल चन्दन एवं गूलर है। 2. वृष राशिः- इसका वृक्ष सप्तपर्णी एवं जाम है। 3. मिथुन राशिः- इसका वृ़क्ष कटहल एवं हरा सैमल है।
4. कर्क राशिः- इसका वृक्ष पलास एवं यूकेलिप्टस है। 5. सिंह राशिः- इससे सम्बन्धित वृक्ष शमी है। 6. कन्या राशिः- इसका वृक्ष आम्र एवं राम फल है। 7. तुला राशिः- इससे सम्बन्धित वृक्ष पारसपीपल है।
8. वृश्चिक राशिः- इससे सम्बन्धित वृक्ष नीम है। 9. धनु राशिः- इससे सम्बन्धित वृक्ष पीपल एवं पाकड़ है। 10. मकर राशिः- इससे सम्बन्धित वृक्ष शीशम है। 11. कुभ राशिः- इससे सम्बन्धित वृक्ष अमलतास है।
12. मीन राशिः- इससे सम्बन्धित वृक्ष बरगद एवं मदार है। पंडित राजीव शर्मा के अनुसार जो व्यक्ति उपरोक्त वृक्षों का रोपण किसी विद्यालय में कराता है, तो उसे स्वयं विद्या एवं बुद्धि प्राप्त होती है। जो व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार वृक्षारोपण किसी देवालय में कराता है, तो उसके कई वर्षाें के पापों का नाश होता है एवं पितृदोष समाप्त होता है। जो व्यक्ति राशि के अनुसार मार्ग के दोनों ओर वृक्षारोपण करके उन्हें पालता है, उसके कार्य में आने वाली समस्त समस्याऐं दूर होती हैं। जो व्यक्ति तालाब के किनारे पौधा रोपण करता है उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है और देव कृपा विशेष रूप से प्राप्त होती है। जो व्यक्ति अपने जन्म दिन पर अथवा अपने माता-पिता के जन्म दिन पर अपनी राशि के अनुसार वृक्षों का दान करता है अथवा उनका रोपण करता है, उसके समस्त पाप नष्ट होते हैं।
ग्रहों की शांति हेतु वृक्षों के उपाय 1. सूर्य की पीड़ा निवाराण के लिए किसी तालाब के किनारे अशोक, आम, कचनार के वृक्षों का रोपण करना चाहिए। 2. चन्द्र की पीड़ा निवाराण के लिए खिरनी, मीठा नीम, फालसा, किसी एक वृक्ष का सड़क के किनारे रोपण करने से चन्द्र बाधा से मुक्ति मिलती है।
3. मगंल पीड़ा निवाराणार्थ जामुन, बादाम, अशोक, गुलहड़ के वृक्षों का घर में रोपण एवं पालन-पोषण करने से
मंगल पीड़ा दूर होती है। 4. बुध के लिए जामुन, कदम्ब, आम, चन्दन अथवा वट वृक्ष के किसी एक पौधे का कुंए अथवा तालाब के समीप रोपण एवं पालन-पोषण करने से बुद्ध पीड़ा निवारण होता है।
5. गुरू पीड़ा निवाराण के लिए चम्पा, देवदार, अनार, गूलर, मौलश्री, आदि को किसी खेत के समीप रोपने से लाभ मिलता है। 6. शुक्र पीड़ा निवारण के लिए सफेद चम्पा, नीम, नागकेसर, गुलमोहर इत्यादि वृक्षों का रोपण एवं पालन-पोषण करने से शुक्र की पीड़ा निवारण होती है।
7.
शनि पीड़ा निवाराण के लिए पीपल, शमी, जामुन, चन्दन आदि के वृक्षों का रोपण करने से शनि की कुदृष्टि से बचा जा सकता है। इन वृक्षों का सूनसान जंगल में रोपण करना लाभदायक रहता है।
8.
राहु पीड़ा निवाराण के लिए कनक, चम्पा, जामुन, मौलश्री अथवा चन्दन के पौधों का रोपण किसी सड़क के किनारे करना लाभ प्राप्त कराता है। 9.
केतु पीड़ा निवाराण के लिए छुईमुई, काला धतूरा, कुंजा, विष्णु, कान्ता आदि पौधों का रोपण घर की सीमा से दूर करने से शीघ्र लाभ प्राप्त होता है।
10. नवग्रह शांति हेतु सीता अशोक, आसापालो, पारस पीपल, विष्णु कान्ता, तुलती, चन्दन, पुत्र जीवा, दहिमन एवं जामुन आदि के पौधों का रोपण घर की सीमा के अन्दर अथवा बाहर लगाना नवग्रह शांति कराता है।
11. पितृ दोष शांति हेतु आवास के समीप सफेद आंकड़ा, तुलती, काला धतूरा, शमी, नीबू, हरश्रृंगार, बिल्व, आम इत्यादि पौधों का रोपण करने से पितृ दोष शांति होती है। वृक्ष काटना अथवा वृक्ष बन्धन मुक्ति हेतु निम्न उपाय व्यक्ति को करना लाभदायक रहता है
1. अपने जन्म दिन पर कम से कम एक वृक्ष का रोपण करना। 2. पीपल वृक्ष का स्पर्श, पूजन एवं रोपण करना अति श्रेष्ठ रहता है। 3. अशोक, निरगुंडी, अमलतास, कमल, चम्पा, आंवला, पीपल, नीम, तुलसी, कनक चम्पा, चमेली, विष्णु कान्ता इत्यादि किसी एक वृक्ष का रोपण घर की सीमा में करने से वृक्ष देवता अति प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।
4. किसी विशाल वृक्ष के नीचे कुछ समय विश्राम अवश्य करना चाहिए। घर में उगने वाले पीपल पौधे को सलीके से निकाल कर किसी उपर्युक्त स्थान पर रोपना चाहिए।
5. घर में विशाल वृक्ष को पालने का स्थान न हो तो कम से कम एक गमले में तुलसी एवं काले धतूरे के पौधों को एक साथ पालना चाहिए।
विशेष यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश वृक्ष का रोपण नहीं कर सकता तो पहले के रोपित किसी भी वृक्ष को एक प्रकार से गोद लेकर उसकी देखभाल करने से व्यक्ति उस पेड़ के पनपने तक कई कष्टों से बचा रहता है और दिनों दिन उन्नति होती रहती है।