
बिजली बिल जमा करवाने के लिए 40 किमी. का चक्कर
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बालोतरा.
उपखंड सिवाना के बड़े कस्बे पादरू का कनिष्ठ अभियंता कार्यालय जलदाय विभाग डेढ़ दशक से धूल फांक रहा है। इस पर पेयजल समस्या के समाधान, नए जल कनेक्शन लेने व बिल जमा करवाने के लिए ग्रामीणों को 40 किलोमीटर दूर सिणधरी पहुंचना पड़ता है। कस्बे से सिणधरी की अधिक दूरी, साधनों का अभाव व खस्ताहाल सड़क पर ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ती है।
उपखंड सिवाना के बड़े कस्बों में से पादरू एक है। 15 हजार से अधिक आबादी वाला कस्बा पादरू व इसके कई गांव द्विफसलीय है। इस पर कई दशक पूर्व प्रदेश सरकार ने यहां जलदाय विभाग का कनिष्ठ अभियंता कार्यालय स्वीकृत करवाया व अधिकारी नियुक्त किया, जिससे की कस्बे व इससे जुड़े गांवों में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुचारू रुप से हो सके। पूर्व के वर्षों में नियुक्त अधिकारी पर कस्बे व क्षेत्र के गांवों में ग्रामीणों को पेयजल के रूप में अच्छी सुविधा मिलती थी, लेकिन करीब 15 वर्ष से कनिष्ठ अभियंता का पद रिक्त होने से पेयजल व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ती है। तकनीकी कर्मचारी के भरोसे पेयजल परियोजना संचालित हो रही है। कस्बे व क्षेत्र के गांवों में अनियमित जलापूर्ति पर ग्रामीणों की समय पर सुनवाई नहीं होती है। इसके अलावा नए जल कनेक्शन के लिए आवेदन करने, जल उपभोग राशि जमा करवाने आदि कार्यों को लेकर ग्रामीणों को सिणधरी सहायक अभियंता कार्यालय पहुंचना पड़ता है। पादरू से सिणधरी के 40 किलोमीटर दूर होने, साधनों के अभाव, खस्ताहाल सड़क व सहायक अभियंता के विभागीय कार्य से क्षेत्र में होने अथवा बैठकों में जाने पर ग्रामीणों दिक्कत होती है। जानकारी अनुसार पाटोदी में 1 हजार से अधिक जल उपभोक्ता है तो इससे लगते गांव मिठौड़ा में भी काफी जल कनेक्शन है। ग्रामीण कई बार विभागीय उच्च अधिकारियों को समस्या से अवगत करवाकर रिक्त पद भरने की मांग कर चुके हैं, लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ भी नहीं मिला है।
जनता की जुबानी - पादरू बड़ा कस्बा व व्यापारिक केन्द्र है। यहां स्वीकृत जलदाय विभाग कनिष्ठ अभियंता कार्यालय ताले में बंद है। इस पर सामान्य कार्य के लिए ग्रामीणों को परेशानियां उठानी पड़ती हैं। - जेठमल जैन
सरकार ने जब कार्यालय स्वीकृत किया तो पद भरें। कोई ध्यान नहीं दे रहे हंै। इससे आमजन को परेशानी हो रही है। - कानसिंह मिठौड़ा
पादरू में कनिष्ठ अभियंता कार्यालय होने के बावजूद इसका संचालन नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। बिल भरने जैसे सामान्य कार्य के लिए सिणधरी जाना पड़ता है। इससे आमजन को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। - हुकमसिंह
Published on:
08 Oct 2018 09:59 pm
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