
04 साल में 535 आत्महत्याएं,316 पुरुषों ने की खुदकुशी
फैक्ट फाइल
वर्ष ---- पुरूष ---- महिला ---- योग
2014 ---- 70 ---- 67 ---- 137
2015 ---- 76 ---- 63 ---- 139
2016 ---- 84 ---- 50 ---- 134
2017 ---- 86 ---- 39 ---- 125
दलपत धतरवाल
बालोतरा पत्रिका.
तनाव, प्रेम प्रसंग और अनैतिक संबंध के चलते आत्महत्याओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। टूटे संयुक्त परिवारों व सामाजिक ताने बाने में बढ़ता अकेलेपन के चलते अवसादग्रस्त के कंधे पर सहानुभूति के हाथ कम पड़ गए है। लिहाजा जिंदगी से हार मानने वालों की संख्या चार साल में 535 पहुंच गई हैै। इसमें 316 पुरुष और 219 महिलाओं ने खुदकुशी की है। मनोचिकित्सक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े अनुभवी इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सामाजिक समझाइश की सलाह दे रहे है।
सामूहिक आत्महत्याओं ने झकझोरा
जिले में पिछले दो साल में करीब एक दर्जन सामुहिक आत्महत्याएं हुई है। खुद को मारकर पूरे परिवार की हत्या करना, प्रेम प्रसंग के चलते फंदे पर झूलना और परिवार में अवसाद के चलते दंपत्ति की आत्महत्या के इन मामलों ने समाज को झकझोर दिया है।
300 से अधिक युवा
इन 535 आत्महत्याओं में 20 से 40 की उम्र के 300 से अधिक जने है। तनाव इसकी मुख्य वजह माना जा रहा है। खास तथ्य यह है कि इन युवाओं में पढ़ाई का तनाव नहीं रहा है। पारीवारिक और सामाजिक कारण ही आत्महत्या की वजह रहे है।
टांके में कूदी है विवाहिताएं
आत्महत्या के अधिकांश मामलों में पानी के टांके में कूद, फंदे पर झूल या फिर रेलगाड़ी के आगे कूद जान दी है। पुलिस जांच में अधिकांशत: आत्महत्या के कारणों में छिटपुट घरेलू या सामाजिक कारण ही सामने आए।
टूट रहे सामाजिक ताने-बाने- पहले के समय में जहां हरेक बुजुर्गों की कही बातों के अनुसार चलते थे। घर में कोई विवाद होने पर बुजुर्गों के कहे अनुसार तुरंत सुलझा लिया जाता था, लेकिन आज के समय में वर्तमान पीढ़ी बुजुर्गों की बातों पर गौर नहीं कर रही है। इससे सामाजिक ताना-बाना टूट रहा है। लोगों की सहन शक्ति भी धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। छोटी-छोटी बातों पर विवाद बढ़ रहे है।- एडवोकेट करणाराम चौधरी, अध्यक्ष बार एसोसिएशन
अपराध है
शरीर व्यक्ति की निजी संपति नहीं है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति आत्महत्या नहीं कर सकता है। आत्महत्या करना कानूनी अपराध है। पकड़े जाने पर भादसं 309 में मामला दर्ज किया जा सकता है। इसमें एक साल की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। - चैनाराम चौधरी, एडवोकेट जिला एवं सत्र न्यायालय बालोतरा
तनाव है मुख्य कारण
आत्महत्या का प्रमुख कारण तनाव है। पढ़ाई, प्रेम-प्रसंग, सामाजिक विवाद या लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होने पर लोग स्वयं को अकेला महसूस करते है और इसी मायूसी के कारण अवसाद में आकर आत्महत्या कर लेते है। परिवार और समाज के लोगों का दायित्व है कि वे अवसाद के वातावरण को कम करें। - डॉ. आर.आर. सुथार, खंड चिकित्साधिकारी बालोतरा
सहानुभूतिपूर्वक बात करें
अधिकतर मामलों में आत्महत्या का कारण छोटी-छोटी बातें है। जिसके लिए परिवार, संस्थान, पड़ौसी व दोस्त परिवार में किसी को मामूली सा असामान्य देखने पर उससे सहानुभूति पूर्वक बात कर परेशानी को जानें तथा उसकी मदद कर सही रास्ता दिखाएं। आत्महत्या जैसा घिनौना आपराधिक कदम नहीं उठाएं। - कैलाशदान रतनू, एएसपी बालोतरा

Published on:
19 May 2018 06:12 pm
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