
87 year old woman saved from blood donation
रक्तदान कर 87 साल की महिला की जान बचाई
उम्र 65 की, जज्बा अभी भी जवान
बाड़मेर. जज्बा हो तो उम्र किसी भी काम में बाधा नहीं बन सकती। कुछ ऐसा ही कर दिखा रहे हैं 65 साल के तगाराम गोदारा। उन्होंने मंगलवार को उपवास के बावजूद सोशल मीडिया पर मिले एक मैसेज पर रक्तदान कर एक महिला का जीवन बचा लिया।
राजकीय जिला चिकित्सालय में जांच के दौरान 87 वर्षीय रामूदेवी में खून की बहुत कमी मिली। हीमोग्लोबिन कम होने के कारण उन्हें बी नेगेटिव रक्त की जरूरत थी। परिजनों ने ब्लड बैंक में पता किया तो वहां इस ग्रुप का ब्लड नहीं मिला। इस बीच उन्होंने खेमसिद्ध डोनर्स क्लब बाड़मेर के संयोजक हरीश गोदारा को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया ग्रुप में ब्लड की आवश्यकता बताते हुए मैसेज डाला। कुछ ही देर में ग्रुप से जुड़े तगाराम मंगलवार का उपवास होते हुए भी आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए ब्लड बैंक पहुंचे और रक्तदान किया।
18 वर्ष से रक्तदान : रक्तदाता तगाराम गोदारा ने बताया कि कि 18 वर्ष से रक्तदान कर रहा हूं। आज का युवा जागरूक है लेकिन रक्तदान के मामले में डर जाते हैं। उनकों भ्रांतियों को तोड़कर रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए।
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पांच कैडेट्स ने ओडिशा में किया राजस्थान का प्रतिनिधित्व
बाड़मेर . ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के एक भारत, श्रेष्ठ भारत शिविर में स्थानीय राजकीय पीजी महाविद्यालय के पांच कैडेट ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। कैडेट राजूसिंह, मूलाराम, केशाराम, भोमाराम और सुरेश कुमार का बाड़मेर लौटने पर एनसीसी की ओर से स्वागत किया गया। एनसीसी अधिकारी आदर्श किशोर ने बताया कि राजस्थान और ओडिशा के बीच सांस्कृतिक दूरी कम करने के साथ कैडेट्स वहां की संस्कृति, रहन-सहन, बोल.चाल और पर्यटन को जानने और समझने के उद्देश्य को लेकर कैम्प का आयोजन किया गया। इसमें बाड़मेर के कैडेट्स ने एकल नृत्य, समूह नृत्य, समूह गान और राष्ट्रीय अवेयरनेस प्रोग्राम की प्रस्तुतियां दी।

Published on:
31 Oct 2018 09:33 pm
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