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खजूर और अनार के बाद अब अंजीर की खेती से बदलेगी किसानों की तकदीर

किसानों की तकदीर बदलने को अब सफलता के मुकाम पर है। खजूर और अनार उत्पादन में मिली कामयाबी के बाद अंजीर पर शुरू की गई आजमाइश । अंजीर की फसल से किसानों की उम्मीदों को पंख लगे है।

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खजूर और अनार उत्पादन में मिली कामयाबी के बाद अंजीर पर शुरू की गई आजमाइश किसानों की तकदीर बदलने को अब सफलता के मुकाम पर है। तीन साल पहले जिले के सरहदी चौहटन इलाके में आधा दर्जन प्रगतिशील किसानों ने अपने कृषि फार्म पर अंजीर उत्पादन की शुरुआत की थी, जहां पूरी गुणवत्ता के साथ निकली अंजीर की फसल से किसानों की उम्मीदों को पंख लगे है।

कस्बे के निकट हेमसिंह राठौड़ कृषि फार्म में अंजीर के 600 पौधे लगाकर इसकी शुरुआत की गई थी, जिनमें अब दूसरी बार फल लगने शुरू हो गए हैं। फार्म के मालिक एडवोकेट रूपसिंह राठौड़ ने तीन साल पहले एक कंपनी के साथ अनुबंध पर यह प्रयोग शुरू किया था, इसके सफल होने पर यह कंपनी अंजीर के लिए इस इलाके में बड़ा इनवेस्ट करेगी। कंपनी ने कृषि फ़ार्म पर करीब पांच बीघा जमीन पर छह सौ अंजीर के पौधे लगवाकर करीब डेढ़ साल पहले पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जो अब सफलता के निकट है। हालांकि अंजीर की फसल दो साल में पक कर तैयार होती है लेकिन यहां की मिट्टी, पानी और आबोहवा में उससे पहले ही फल निकलने शुरू हो गए।

350 रुपए है एक पौधे की कीमत

अच्छी गुणवत्ता वाले अंजीर के एक पौधे की कीमत 350 रुपए है, किसानों द्वारा लगाए गए पौधों की संख्या के अनुसार इन्वेस्ट किए गए हैं। साथ ही जमीन, पानी, कीटनाशक व खेतिहर मानव दिवस का व्यय अतिरिक्त है। पहले साल में प्रति पौधे से बीस से तीस किलोग्राम अंजीर की उपज मिलने की संभावना है, तथा साल दर साल उत्पादन में वृद्धि होगी। अगर यह प्रयोग सफल हुआ तो सरहदी किसानों की तकदीर बदलने में एक और पायदान पर आगे बढ़ने मदद मिलेगी।

ऐसे मिली सफलता

कंपनी ने फ़िलहाल साठ रुपए प्रति किलो की दर पर फार्म मालिक के साथ अंजीर के फल खरीदने का एग्रीमेंट किया है। अंजीर की खेती में बड़ी उम्मीदें नजर आने पर मते का तला सरहद में मोहनलाल हुड्डा ने दो हजार पौधे लगाए, साथ ही आधा दर्जन किसानों के खेतों में अंजीर की फसल लहलहा रही है। कंपनी की आशाओं के अनुरूप पर्याप्त उत्पादन मिला तो इसकी प्रोसेसिंग कर फ्रूट और ड्राई फ्रूट दोनों रूप में कंपनी द्वारा रेगिस्तानी अंजीर को बाजार में लाया जाएगा।

ड्राइफूट रूप में प्रसिद्ध है अंजीर

स्वाद में अत्यधिक मीठा यह अंजीर फल के रूप में भी बाजार में बिकता है। वहीं प्रोसेसिंग के बाद इसे ड्रायफ्रूट के रूप में भी व्यापक रूप से उपयोग में किया जाता है। वैसे तो कंपनी ने 60 रुपए प्रतिकिलो की दर से खरीद का इकरार किया, लेकिन प्रोसेसिंग के बाद ड्राय फ्रूट बना अंजीर आठ सौ से 15 सौ रूपए प्रतिकिलो की कीमत पर बाजार में बिकता है। स्वादिष्ट ड्रायफ्रूट के रूप में उपयोग किए जाने वाले अंजीर में कई औषधीय गुण विद्यमान है जो कई असाध्य रोगों को खत्म करने के साथ ही शक्तिवर्धक फल है।


अंजीर के छह सौ पौधे लगाए गए हैं, कंपनी द्वारा मासिक विजिट कर मार्गदर्शन दिया जाता है, नियमित रूप से निराई, गुड़ाई व कीटनाशकों का स्प्रे कर पौधों का संरक्षण किया जा रहा है। शिवप्रतापसिंह राठौड़

अंजीर के उत्पादन को लेकर जानकारी मिलने पर कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया है फिलहाल कॉन्टेक्ट फार्मिग के रूप में इसकी शुरुआत की है, पांच बीघा जमीन में छह सौ पौधे लगाए गए है जिनके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
रूपसिंह राठौड़ चौहटन, किसान


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