6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आयुर्वेद : कोविड के बाद बड़ा बदलाव, घर-घर पहुंची गिलोय और तुलसी

-रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में रामबाण बनकर उभरी आयुर्वेद औषधियां-घर-घर तुलसी और गिलोय के लगाए जा रहे पौधे-कोविड महामारी ने समझाया लोगों को आयुर्वेद कितना है महत्वपूर्ण

2 min read
Google source verification

बाड़मेर. कोविड महामारी के चलते आमजन में आयुर्वेद के प्रति बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। जो पहले आयुर्वेद से दूरी बनाकर रखते थे, अब रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बीमारियों से बचने के लिए आयुर्वेद से स्वस्थ होने की ओर बढ़ रहे हैं। आयुर्वेद के तौर-तरीकों को अपनाते हुए स्वस्थ रखने के गुर सीखने में बड़े-बुजुर्ग और युवा तक शामिल है। महामारी के दौर में काढ़े से खुद के साथ अन्य लोगों का कोविड से बचाव करने के बाद आयुर्वेद की ओर लोगों का रूझान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
भारतीय परम्परा में आयुर्वेद एक औषधि नहीं है, जीवनचर्या है। लेकिन आधुनिकता और अन्य कई कारणों से जो आयुर्वेद पिछड़ रहा था, आम लोगों से दूर हो चुका था। बहुत कम लोग आयुर्वेद औषधियों का सेवन करते थे। अब परिदृश्य बदल चुका है। आयुर्वेद का महत्व कोविड महामारी में बहुत बढ़ा है। अब लोग बिना किसी हानि के स्वस्थ रखने के आयुर्वेद के नुस्खों को जीवन का हिस्सा बना रहे हैं। स्वस्थ रहने का तरीका आयुर्वेद से सीख रहे हैं।
कोविड में काढ़ा हुआ कारगर सिद्ध
कोविड के दौरान कमजोर रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में आयुर्वेद ने कारगर काम किया। काढ़ा और तुलसी व गिलोय सहित कई तरह की औषधियों और च्यवनप्राश घर-घर में रच-बस गया। अब तो ये औषधियां लोगों के घरों का हिस्सा बन गई है। मामूली सर्दी-खांसी और जुकाम में काढ़ा प्रमुख औषधि बन गया है। साइड इफैक्ट नहीं होने से यह बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए अच्छा माना गया है। आयुर्वेद का खजाना महामारी के दौर में इम्यूनिटी बूस्टर साबित हुआ।
सरकार ने घर-घर पहुंचाई गिलोय और तुलसी की पौध
महामारी के बाद ही पहली बार ऐसा हुआ कि सरकार के निर्देश पर लोगों को निशुल्क रूप से गिलोय और तुलसी के पौधे घर-घर वितरित किए गए। जानकार इसे बहुत बड़ा बदलाव मान रहे हैं। आयुर्वेद के रूप में तुलसी और गिलोय एक बड़ा भंडार है, जो नियमित सेवन से व्यक्ति को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद का उद्देश्य जो स्वस्थ को कैसे स्वस्थ रखे, यह तुलसी और गिलोय जैसी औषधियां इस कार्य को करने में सबसे प्रमुख मानी जाती है। कोविड की परिस्थितियों ने यह स्थापित किया कि गिलोय और तुलसी वर्तमान में इस तरह की महामारी के दौर में हर घर की बड़ी जरूरत है। जो आम लोगों को बीमार होने से बचा सकती है।
इसलिए है आयुर्वेद का महत्व
-कोई साइड इफैक्ट नहीं
-रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
-शरीर का शुद्धिकरण
-स्वस्थ रखने में मददगार
बीमार होने से बचाता है आयुर्वेद
आयुर्वेद औषधियां स्वस्थ रखने में काफी मददगार साबित हुई है। कोविड से बचाव के लिए काढ़ा सहित अन्य आयुर्वेद औषधियों को अपनाकर खुद का बचाव किया। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं है, जो वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण है। वहीं आयुर्वेद बीमारियों को रोकती है, शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इसलिए हमने बच्चों से बड़ों तक के लिए आयुर्वेद को सर्वोपरि माना है।
-सवाई दर्जी, बाड़मेर
आयुर्वेद के प्रति सकारात्मकता बढ़ी
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति तो हमेशा से ही श्रेष्ठ रही है, लेकिन कोविड महामारी के बाद इसका महत्व आम लोगों को पता चला। जब कोविड से बचाव के लिए रोगप्रतिरोधक क्षमता की जरूरत रही। तब काढ़ा और अन्य औषधियांं लोगों को बीमारी से बचाने में मददगार साबित हुई। आयुर्वेद के प्रति लोगों की धारणा में परिवर्तन आया है और अब इसे अपनाने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी निरंतर जारी है।
डॉ. नरेंद्र कुमार, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी राजकीय आयुर्वेद औषधालय बाड़मेर


बड़ी खबरें

View All

बाड़मेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग