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राजस्थान के इस नए जिले को लेकर सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, जारी किए आदेश

बालोतरा जिले में पंचायती राज अब विकास का बड़ा आधार बनकर उभरेगा। बालोतरा को जिला बनाने के बाद अब जिला परिषद का गठन भी हो गया है।

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फोटो पत्रिका नेटवर्क

बालोतरा जिले में पंचायती राज अब विकास का बड़ा आधार बनकर उभरेगा। बालोतरा को जिला बनाने के बाद अब जिला परिषद का गठन भी हो गया है। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद नवगठित जिला परिषद बालोतरा को पूर्ण अधिकारिता प्राप्त हो गई है। वहीं पूर्व जिले बाड़मेर की शक्तियां नई जिला परिषद बालोतरा को हस्तांतरित कर दी हैं।

आदेश लागू होते ही पुराने जिले में संबंधित कार्यवाही स्थगित रहेगी और नवगठित जिला परिषद बालोतरा अपना कार्य प्रारंभ करेंगी। इसके साथ ही जिला परिषद का बजट, ग्रामीण विकास, बैठकें और सभी प्रशासनिक गतिविधियां अब बालोतरा केन्द्रित होंगी। इससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और अपनी पंचायती व्यवस्था के साथ 'अपना राज' मजबूत आधार बनेगा।

बालोतरा नए जिले में कुल 9 सिणधरी, सिवाना, बालोतरा, बायतु, गिड़ा, कल्याणपुर, समदड़ी, पायलां और पाटोदी पंचायत समितियां हैं। इसके अलावा भी प्रस्ताव की संभावनाएं बनी हुई हैं। वहीं जिले में शामिल सभी पंचायत समितियों की गतिविधियों का बेहतर तालमेल होगा और ग्रामीण विकास को नए पंख मिलेंगे।

जिला परिषद के अपने होंगे वार्ड

बालोतरा को जिला बनाने के बाद यहां नई जिला परिषद का गठन भी कर दिया गया है। जिले की सीमा के आधार पर जिला परिषद के वार्डों का पुनर्गठन किया जाएगा। वहीं पंचायत समितियों के भी कई वार्ड बाड़मेर में है तो कई बालोतरा में है। ऐसे में उन वार्डों को भी जिलों के आधार पर पंचायत समितियों में शामिल किया जाएगा।

वर्तमान में जिला परिषद बाड़मेर में 37 वार्ड हैं। बाड़मेर जिला परिषद की बैठकों में बालोतरा के सदस्य जब पहुंचते हैं, तो 37 सदस्यों, 7 विधायकों, सांसद और अधिकारियों की मौजूदगी में अक्सर बोलने का अवसर ही नहीं मिल पाता।

जो ज्यादा सक्रिय हैं, वे पूरा समय ले जाते हैं, और कई बिना बोले वापस लौट आते हैं। लेकिन बालोतरा जिला परिषद के अलग रूप में अस्तित्व में आने से अब बालोतरा क्षेत्र की समस्याएं और मांगें प्राथमिकता से सदन में उठाई जा सकेंगी।