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शहीद उगराराम पोटलिया: तिरंगे में लिपटकर आया गांव का सपूत, अंतिम विदाई पर आंखें नम, 4 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

त्रिपुरा में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए सीमा सुरक्षा बल के जवान उगराराम पोटलिया का मंगलवार को पैतृक गांव बायतु चिमनजी में सैन्य समान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

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Martyr Ugraram Potliya

Martyr Ugraram Potliya (Patrika Photo)

बायतु (बाड़मेर): त्रिपुरा में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान उगराराम पोटलिया का मंगलवार को उनके पैतृक गांव बायतु चिमनजी में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। परिजनों की चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो गईं।


घर पहुंचते ही शहीद की वृद्ध माता वीरों देवी, पिता कुंभाराम और पत्नी नेनु देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है। चार साल का बेटा टाइगर चौधरी जब अपने पिता को मुखाग्नि देने आगे बढ़ा तो वहां मौजूद हर किसी का हृदय द्रवित हो उठा।


अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़


शहीद की अंतिम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी। ‘शहीद उगराराम अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। सेना के जवानों ने पार्थिव शरीर पर लिपटा राष्ट्रीय ध्वज शहीद के परिजनों को सौंपा और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।
ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर भाजपा प्रदेश प्रतिनिधि बालाराम मुंढ़, बायतु प्रधान सिमरथाराम बेनीवाल, सरपंच गोमाराम पोटलिया, हेमजी का तला सरपंच भंवरलाल गोदारा, उपखण्ड अधिकारी भागीरथ चौधरी, वृताधिकारी शिवानारायण चौधरी, तहसीलदार रामस्वरूप जौहर, विकास अधिकारी हिमांशु चौधरी, बायतु थानाधिकारी भंवरलाल विश्नोई सहित ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित किए।
गौरतलब है कि त्रिपुरा में सीमा सुरक्षा बल की 121वीं बटालियन में तैनात उगराराम का रविवार को निधन हो गया था। उनकी शहादत पर पूरा क्षेत्र गर्व और शोक में डूबा है।