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कृत्रिम बरसात को लेकर बड़ी खबर: रामगढ़ डैम पर आज फिर पहुंची वैज्ञानिकों की टीम, उड़ाए गए ड्रोन

Artificial rain: रामगढ़ डैम पर कृत्रिम बारिश करवाने के लिए एक्सल-1 इंक के वैज्ञानिकों की टीम पहुंची है। मौसम वैज्ञानिक शशांक तामन के नेतृत्व में टीम ने कृत्रिम बारिश करवाने के लिए ड्रोन उड़ाए हैं।

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जयपुर

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Arvind Rao

Sep 03, 2025

Artificial rain
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Photo- Meta AI

Artificial rain: जयपुर: राजधानी जयपुर में बुधवार सुबह रामगढ़ डैम पर कृत्रिम बारिश करवाने के लिए एक्सल-1 इंक की वैज्ञानिकों की टीम पहुंची है। मौसम वैज्ञानिक शशांक तामन के नेतृत्व में आई यह टीम आज डैम क्षेत्र में ड्रोन उड़ाकर बादलों में रासायनिक तत्व मिलाने की प्रक्रिया करेगी, जिससे वर्षा को प्रोत्साहित किया जा सके।


रामगढ़ डैम और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ हफ्तों में बारिश की कमी रही है। मानसून के सक्रिय होने के बावजूद जिले के जलस्रोत अपेक्षाकृत सूखे रहे हैं, जिससे सिंचाई और जलापूर्ति पर दबाव बढ़ गया है। ऐसे में कृत्रिम बारिश की पहल से किसानों और स्थानीय नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है।


जयपुर में पहला कृत्रिम बारिश का प्रयोग सफल

जयपुर के रामगढ़ बांध पर ड्रोन से कृत्रिम बारिश का पहला प्रयास सफल रहा। सोमवार को कंपनी ने हाइड्रोट्रेस प्लेटफ़ॉर्म और मेक इन इंडिया ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए पहला क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया। ऑपरेशन सुबह 6.30 बजे से 11.30 बजे तक चला, जिससे रामगढ़ बांध क्षेत्र में 40 मिनट में 0.8 एमएम बारिश हुई।

रामगढ़ में एक निजी कंपनी ने हाइड्रोट्रेस (एआई-संचालित प्लेटफ़ॉर्म) का उपयोग करते हुए पहला सफल क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन संपन्न किया। इस पायलट प्रोजेक्ट में मेक इन इंडिया ड्रोन का इस्तेमाल हुआ, जिन्हें हाइड्रोट्रेस के उन्नत जलवायु विज्ञान और एआई-आधारित सीडिंग मॉड्यूल के साथ जोड़ा गया। यह स्वदेशी नवाचार और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व के बीच सामंजस्य को दर्शाता है।


पहले भी हुआ है प्रयास


इससे पहले भी राजस्थान में वर्षा बढ़ाने के लिए कई बार क्लाउड सीडिंग तकनीक का प्रयोग किया जा चुका है। साल 2022 और 2023 के मानसून में एक्सल-1 इंक की टीम ने जयपुर और आसपास के जिलों में सफलतापूर्वक ड्रोन और हवाई जहाज के माध्यम से बादलों में रासायनिक तत्व मिलाकर वर्षा बढ़ाने का प्रयास किया था। उस दौरान कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी, जिससे कृषि और जलभराव में मदद मिली थी।


रामगढ़ डैम पर आज के अभियान में हाई-टेक ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जो विशेष रासायनिक मिश्रण को बादलों में फैलाकर वर्षा को बढ़ावा देगा। मौसम विभाग ने आम नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे डैम और आसपास के क्षेत्र में मौसम संबंधी गतिविधियों के दौरान सावधानी बरतें।