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एक ही घर से उठी तीन अर्थियां, मचा कोहराम, घरों में चूल्हा नहीं जला

करुण क्रंदन और चीत्कार की आवाजें, हर आंख, नम और सभी को गम। घर व मोहल्ले से श्मशान घाट तक गमगीन माहौल नजर आ रहा था। किसी का गला रुंधा हुआ था तो किसी की आंखों से जार-जार आंसुओं की अविरल धारा बह रही थी।

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Barmer Four people died due to electrocution update

शिव. ग्रामीणों से समझाई करते पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी

शिव (बाड़मेर)। करुण क्रंदन और चीत्कार की आवाजें, हर आंख, नम और सभी को गम। घर व मोहल्ले से श्मशान घाट तक गमगीन माहौल नजर आ रहा था। किसी का गला रुंधा हुआ था तो किसी की आंखों से जार-जार आंसुओं की अविरल धारा बह रही थी। शोक ऐसा था कि गांव में शनिवार को अधिकतर घरों में चूल्हा तक नहीं जला।

मातमी माहौल में एक ही घर जब तीन अर्थियां से उठीं तो सभी की रुलाई फूट पड़ी। अपने ही घर में आटे की चक्की से करंट लगने पर मौत का शिकार हुए एक ही परिवार के तीन सदस्यों का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। इस तरह मां के साथ दो मासूमों का रामदेवपुरा (आरंग) में अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ माता व दो मासूमों की तीन चिताएं जलती देख कर सभी की आंखें भर आईं। अंतिम यात्रा में आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग शामिल हुए।

सरगिला में भी शोक
उधर बखतपुरा सरगिला (गडरा रोड) में भी शोक का माहौल रहा। हादसे में शामिल हठेसिंह के परिवार पर दोहरा शोक छा गया। एक परिवार से पिता-पुत्री की एक साथ मौत होने पर उनके घर पर भी ग्रामीणों का जमावड़ा शुरू हुआ। परिजनों के साथ कई ग्रामीण शव लेने के लिए उपखंड मुख्यालय पहुंचे।

यह भी पढ़ें : करंट से चार की मौत का मामला, सहायक और कनिष्ठ अभियंता एपीओ

शव देख कर बिलख पड़े
दिल्ली से पहुंचे अर्जुनसिंह अपने दुधमुंहे बेटे प्रताप व जसवंत के शव देख कर बिलख पड़े। उनका रोना बिलखना देख वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो आईं। वहीं बीमार भगसिंह भी बार-बार कहने लगे कि ईश्वर का मैंने क्या बिगाड़ा था, एक साथ दो पोते व पुत्रवधू चले गए। सूचना मिलने पर अर्जुनसिंह की बहन भी गांव पहुंची। उसका रो -रो कर बुरा हाल होने पर एक बार कानासर अस्पताल ले जाया गया।

ऐसे बने काल का ग्रास
गौरतलब है कि शुक्रवार रात्रि को छैलकंवर (23 वर्ष) पत्नी अर्जुनसिंह व उनके दो बच्चे जसवंतसिंह( 3) व प्रतापसिंह (1 वर्ष) अपने घर पर बैठे थे। छैलकंवर आटे की चक्की का स्विच चालू किया तब उन्हें जोर से करंट आया। पास में खेल रहे बच्चे भी मां को तड़पते देख कर पास आए तो वह भी करंट से चिपक गए।

उनके जोर से चिल्लाने की आवाज सुनकर बाहर बैठे छैलकंवर के पिता हठेसिंह ( 55 ) पुत्र सवाईसिंह जाति राजपुत निवासी बखतपुरा ,सरगिला तहसील गडरा रोड ने यह देख उन्हें बचाने का प्रयास किया, वे भी करंट की चपेट में आ गए। इस प्रकार चारों की बुरी तरह से झुलसने से मौके पर ही मौत हो गई। चारों के शव शुक्रवार रात को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाए गए थे। मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा कर शनिवार को शव परिजनों के सुपुर्द किए गए।


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