28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्या है जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेललाइन प्रोजेक्ट, जिसकी बाड़मेर सांसद ने की संसद में चर्चा

बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने मुख्य लंबित मांग जैसलमेर-बाड़मेर- भाभर (गुजरात) रेल परियोजना के लिए पुन: बजट आंवटित कर स्वीकृति प्रदान करने की मांग की।

2 min read
Google source verification
Barmer MP Umedaram Beniwal raised demand for Jaisalmer-Barmer-Bhabhar rail line project.

बाड़मेर। लोकसभा में बुधवार को बजट- 2024-25 के तहत रेल मंत्रालय के लिए मांगों और अनुदानों पर चर्चा हुई। इस दौरान बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने मुख्य लंबित मांग जैसलमेर-बाड़मेर- भाभर (गुजरात) रेलवे लाइन बिछाने का मामला प्रमुखता से ध्यान आकर्षित कर इसी बजट सत्र में घोषणा की मांग की।

बेनीवाल ने कहा कि उक्त प्रोजेक्ट के लिए बजट सत्र 2016-17 में 5 हजार करोड़ की घोषणा की गई लेकिन स्वीकृति नहीं मिलने से कार्य एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा। इसलिए पुन: बजट आंवटित कर स्वीकृति प्रदान करने की उन्होंने मांग की। उन्होंने कहा कि संसदीय क्षेत्र में रिफाइनरी, पर्यटन और धार्मिक स्थलों, क्रूड ऑयल, कोयला खनन, लिग्नाइट, गैस खनन और सीमावर्ती तीन जिलों को जोडऩे और इस रेल लाइन से जुडऩे वाले क्षेत्र के लोगों की लाइफ लाइन के रूप में साबित होगी।

बेनीवाल ने कहा कि देश की सुरक्षा की दृष्टि से यहां अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से सटा इलाका होने के कारण यह रेलवे लाइन अति महत्वपूर्ण होगी। सांसद ने बाड़मेर रेलवे स्टेशन को विकसित करने और वाशिंग यार्ड निर्माण के लिए आवंटित 200 करोड़ के बजट का कार्य शुरू करवाने की भी मांग उठाई। बाड़मेर और जैसलमेर तक संचालित की जाने वाली ट्रेने जो अभी बंद पड़ी उन्हें पुन: संचालित करने और ट्रेनों के फेरे बढ़ाने व नई ट्रेनें शुरू की मांग रखी। उन्होंने थार एक्सप्रेस का पुन: शुरू करने का भी मुद्दा उठाया।

यह भी पढ़ें : राजस्थान में समान नागरिकता संहिता बिल लाने पर विचार, मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- बस उचित समय का है इंतजार

क्या है जैसलमेर-बाड़मेर- भाभर (गुजरात) रेललाइन प्रोजेक्ट

जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर रेल परियोजना का 1996 में तत्कालीन बाड़मेर सांसद ने पहली बार संसद में प्रस्ताव रखा। 1999 तत्कालीन सांसद ने संसद में ठोस पैरवी की और 2003 में इस रेलवे लाइन के सर्वे के लिए बजट जारी किया गया। इन्हीं दिनों विश्व की सबसे बड़ी तेल खोज मंगला बाड़मेर में आ गई। उम्मीद जगी कि तेल की खरबों की कमाई में रेल योजना सिरे चढ़ेगी। इसके बाद इस परियोजना का 2009 से 2013 तक सर्वे पूर्ण कर लिया गया। बाड़मेर-जैसलमेर 145 किमी के लिए 517 करोड़, बाड़मेर भाभर 193.84 किमी के लिए 798 करोड़ और थराद रोड़ बनासर तक 80.75 किमी के लिए 370 करोड़ व्यय हुए। रेलवे ने सर्वे बाद इसको ऋणात्मक बताकर हाथ खींच लिए और महज 5000 करोड़ की इस परियोजना को हरी झण्डी नहीं दी। बता दें कि 339 किमी की इस रेल परियोजना के जरिए राजस्थान और गुजरात के 31 नए स्टेशनों को जोड़ा जाना है।