
Born in the ordinary farmer family of Barmer,Successive big success
बाड़मेर.धोरीमन्ना के सामान्य किसान के परिवार में जन्मे एक होनहार ने आठवीं कक्षा में अव्वल आकर अपनी प्रतिभा को एेसा साबित किया कि बाद में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह पढऩे के साथ कामयाबियों के शिखर छूता रहा और एेसे-एेसे मुकाम हासिल किए जो उसके आगे बढ़ते सफर के द्योतक है। बड़ी कामयाबी शुक्रवार को हासिल की जब आईएएस में चयन हो गया। पूर्ण आश्वस्त और विदेश सेवा में जाकर भारत का नाम रोशन करने वाले कृष्ण कहते है कि उनके मां-बाप ने जो संघर्ष देखा है उसको यह उपलब्धि समर्पित है।
धोरीमन्ना कस्बे के कृष्णकुमार विश्रोई का भारतीय प्रशासनिक सेवा में 174वीं रैंक पर चयन हुआ। 24 वर्षीय कृष्ण वर्तमान में विदेश मंत्रालय में चीन मामलों के विशेषज्ञ के तौर पर कार्य कर रहे है। कृष्ण ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। कहा कि बहुत कठिन परिस्थितियों में पढ़ाया।
कृष्ण के संघर्ष की दास्तां
कृष्ण के परिवार में दो बहनें डॉक्टर, एक नर्सिंग अफसर, एक पटवारी व बड़े भाई राजस्थान प्रशासनिक सेवा में कार्यरत है। माता गंगादेवी पढ़ी-लिखी नहीं है। पिता सुजानाराम किसान हैं। कृष्ण ने खेत में काम ? कर आठवीं की परीक्षा में जिले में अव्वल रहे। फिर सीकर की एक निजी स्कूल में उसकी प्रतिभा पहचानी और 10 वीं तक नि:शुल्क पढ़ाया। ग्यारहवीं के लिए जोधपुर आया तो निजी स्कूलों ने यह कहकर दाखिले से मना कर दिया कि वे हिंदी माध्यम के छात्र हैं। वे चाहते थे कि अंग्रेजी माध्यम की स्कूल में दाखिला मिले, लेकिन किसी निजी स्कूल ने प्रवेश नहीं दिया तो उन्होंने केन्द्रीय विद्यालय में प्रवेश ले लिया। केवी जोधपुर में रहकर राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे। कृष्ण का चयन सेंट स्टेफनस महाविद्यालय दिल्ी में हुआ। इसके बाद हार्वड और साइंसेज पो ेरिस में चालीस लाख की छात्रवृत्ति पर चयनित हुए। 19 वर्ष की उम्र में पेरिस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में चयनित होने वाले सबसे युवा भारतीय बनने का गौरव पाया। संयुक्त राष्ट्रसंघ में एक वर्ष तक पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्रों के सलाहकार के तौर पर कार्य किया। फिलहाल कृष्ण भारत सरकार में चीन के मामलों में सलाह दे रहे है।

Published on:
28 Apr 2018 08:45 am
बड़ी खबरें
View Allबाड़मेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
