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खाट पर पड़ा बीमार नहीं बीपीएल, आलीशान बिल्डिंग में सोता है सरकारी गरीब

locationबाड़मेरPublished: Apr 09, 2019 12:12:24 pm

Submitted by:

Ratan Singh Dave

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BPL not lying on bed, sleeping in luxury building, government poor

BPL not lying on bed, sleeping in luxury building, government poor

खाट पर पड़ा बीमार नहीं बीपीएल, आलीशान बिल्डिंग में सोता है सरकारी गरीब

– कोठियें डकार रही झोपडि़यों का हक

ह्युमन एंगल
रतन दवे

बाड़मेर पत्रिका.
सरकार और प्रशासन के पता नहीं आंखों पर कौनसी पट्टी बंधी है कि उनको असली गरीब नजर नहीं आते और कैसाा चश्मा चढ़ा है कि उन लोगों के घर के आगे बीपीएल चस्पा है जिनके आलीशान कोठियां है। लाचार,गरीब और बीमार को बीपीएल नहीं बनाने के तीन मामलों को सामने लाया तो पता चला कि बात इत्ती सी हुई एक पटवारी को यह बाद खटक गई कि बीपीएल कलक्टर तक कैसे पहुंच गया? एक बीपीएल पर सरपंच मेहरबान नहीं हुआ तो दो मासूमों की आवाज एसडीएम कार्यालय में नहीं सुनी गई क्योंकि इनके पिता ने कहा गरीब है और एसडीएम का जवाब था अब तो दुनियां में हर कोई अपने को गरीब कहता है। गरीब इन कुतर्कों के आगे हार गए। इधर दूसरी ओर बालोतरा में आलीशान कोठियों के आगे बीपीएल लिखा है, बीपीएल कैसे बने तो उत्तर साफ है अफसर मेहरबान हुए और कहा यहां सब चलता है। कौन पूछेगा, जब कार्यवाही होगी तो देख लेंगे। पत्रिका की पड़ताल कहती है कि गरीबी की सूचियों को फिर से देखा जाए तो सामने आएगा कि गरीबों का हक मालदार खा रहे है और जो लाचार है वे चारपाइयों पर कराह रहे है।
गरीबी
केस-1

सूदाबेरी गांव की धापूदेवी कैंसर से पीडि़त है। इस महिला के सास-ससुर दोनों ही 85 और 90 की उम्र है जो दिव्यांग है। दो मासूम बच्चे है। धापू के कैंसर के चलते पति नगजीराम दो साल से मजदूरी पर नहीं जा पा रहा है। जो कुछ जमा पूंजी थी वो बीमारी में खर्च हो गई। खेत बिके और कर्ज चढ़ गया। अब गुजारा भी इनके लिए मुश्किल है। इस परिवार को बीपीएल में जोडऩे के लिए कई बार आग्रह किया लेकिन ग्राम पंचायत इसके लिए पैरवी नहीं कर रही है।
केस-2
सूदाबेरी गांव गांव का बांकाराम प्रजापत। 2008 में पानी की ङ्क्षसचाई करते समय कुएं में गिर गया। रीढ़ की हड्डी टूट गई। उपचार के दौरान दोनों पैर काटने पड़े। ग्यारह साल से खाट पर है। 2011 में गरीबी,लाचार और हालात बताने के लिए यह गरीब कलक्टर के पास पहुंच गया। यह बात पटवारी को खटक गई और यह कहकर रोक दिया कि अब वहीं से करवा लेना।
केस-3
बालोतरा के संजय कुमार। दोनों बच्चे दिव्यांग। परिवार को आस्था कार्ड मिला हुआ है। संजय की दोनों किडनियां खराब हुइ तो वे एसडीएम ऑफिस पहुंंचे और बताया कि उनकी किडनी खराब है और दो बच्चे है, अब उनको बीपीएल कार्ड जारी कर दिया जाए। इस पर एसडीएम ने कहा कि यहां जो भी आता है खुद को गरीब ही कहता है। टके सा जवाब मिलने के बाद संजय हताश हो गए। कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया।
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