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ऊंट के जन्म पर बजी थाली तो ऊंटपालकों के बैंक खातों में पहुंचे 30.40 लाख रुपए

Camel Protection Scheme: राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने ऊंटों के प्रजनन को प्रोत्साहित करने के लिए ऊंट पालकों के लिए ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति के तहत ऊष्ट्र संरक्षण योजना लागू की है।

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पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क/शिव (बाड़मेर). राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने ऊंटों के प्रजनन को प्रोत्साहित करने के लिए ऊंट पालकों के लिए ऊंट संरक्षण एवं विकास नीति के तहत ऊष्ट्र संरक्षण योजना लागू की है।

राज्य सरकार की इस योजना का लाभ पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर जिलों के ऊंट पालकों को मिलना शुरू हो गया है। जिला पशुपालन विभाग को मार्च 2023 तक करीब 1500 आवेदन मिले, इनमें से 608 आवेदनों का सत्यापन कराने के बाद प्रथम किस्त के रूप में पांच हजार रुपए के हिसाब से कुल 30.40 लाख रुपए लाभार्थियों के खातों में हस्तांतरित किए गए। नवंबर 2022 के बाद जन्मे टोडियों (ऊंटनी के बच्चे) के लिए पशुुपालकों को यह लाभ मिल रहा है। दस हजार रुपए की यह राशि दो किस्तों में मिल रही है। पहली किस्त पांच हजार और सालभर बाद इतनी ही राशि दूसरी किस्त के रूप में मिलती है।

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अकेले बाड़मेर जिले के शिव ब्लॉक में पिछले तीन माह में करीब 480 ऊंट पालकों ने आवेदन किए। विभाग ने इनमें से 220 ऊंट पालकों को प्रथम किस्त की राशि जारी कर दी है। ऊंट पालकों को सहायता राशि मिलने से उन्हें आर्थिक संबल मिल रहा है, वहीं राज्य पशु ऊंट की देखरेख भी अब पहले से बेहतर होने लगी है।

राज्य में मार्च तक 17 हजार आवेदन
राज्य में राजस्थान पत्रिका के समाचार अभियान के बाद विभागीय तत्परता नजर आई। मार्च तक 17 हजार ऊंटपालकों ने ऑनलाइन आवेदन किए। आवेदन पूर्णता पर प्रत्येक को दस हजार के हिसाब से इन्हें 17 करोड़ रुपए मिलेंगे।

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ऊष्ट्र संरक्षण योजना को लेकर जनवरी माह में आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई थी। अभी तक करीब 1500 आवेदन प्राप्त हुए हैं। फऱवरी माह तक प्राप्त आवेदनों का सत्यापन के बाद प्रथम किस्त की राशि 30.40 लाख जारी कर दी गई है।
डॉ. अजयनाथ गोस्वामी, नोडल अधिकारी ऊष्ट्र संरक्षण योजना बाड़मेर

मेरे परिवार के पास 80 ऊंट-ऊंटनी हैं। ऊष्ट्र संरक्षण योजना के तहत 28 आवेदन किए थे। जिसमें से 14 आवेदनों की राशि 35000 रुपए प्राप्त हो गई है। यह योजना ऊंट संवर्धन के लिए अच्छी साबित हो रही है।
देवीसिंह, ऊंटपालक निवासी थुंबली

पत्रिका की मुहिम के बाद आया बदलाव
अभी तक आपने यही सुना होगा कि ऊंट घट रहे हैं और इनकी कोई कद्र नहीं कर रहा, लेकिन शुभ संकेत यह है कि जिले में 1500 ऊंटनियों ने तोडियो को जन्म दिया। 608 ऊंट पालकों को पांच हजार रुपए की प्रथम किस्त मिली, जो कुल 30.40 लाख रुपए है। इतनी ही राशि इन्हें सालभर बाद मिलेगी। राजस्थान पत्रिका के समाचार अभियान बाद यह बदलाव आया है। मुख्यमंत्री से जिले के विधायक राशि को दोगुुना करने की मांग करें तो हजारों पशुपालकों को लाभ होगा। यह राशि अभी 10 हजार है, इसे 20 हजार करने की दरकार है।


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