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सोशल मीडिया पर ‘आचार संहिता’, ग्रुप में मैसेज करने पर पाबंदी

-चुनाव कारण ग्रुप एडमिन कर रहे सदस्यों को ब्लॉक-नोटिस मिलने के बाद गु्रप एडमिन हो गए सतर्क

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Code of Conduct: Ban on social media group messaging

Code of Conduct: Ban on social media group messaging

बाड़मेर. विधानसभा चुनाव के चलते सोशल मीडिया पर 'आचार संहिताÓ लग रही है। हालांकि यह आचार संहिता खुद एडमिन लगा रहे हैं। वे ग्रुप के सदस्यों को मैसेज पर पाबंदी लगा रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि ग्रुप में किसी तरह की राजनीतिक पोस्ट या मैसेज से बचा जा सका।

पिछले दिनों वाट्सएप ग्रुप में राजनीतिक प्रचार संबंधी पोस्ट करने पर तीन जनों को नोटिस के बाद ग्रुप संचालन करने वाले अधिक सतर्कता बरत रहे हैं। कइयों ने ऑल पार्टीसिपेंट को हटाकर केवल एडमिन कैन मैसेज को सलेक्ट कर दिया है। जिससे ग्रुप में केवल एडमिन ही कोई मैसेज कर सकता है।

ग्रुप नहीं छोडऩे का आग्रह

ग्रुप में सदस्यों को किसी भी तरह की सामग्री डालने से ब्लॉक करने के बाद एडमिन ने उनसे चुनाव के दौरान इस तरह ही ग्रुप संचालन का निवेदन किया है। साथ ही स्थिति को समझते हुए सदस्यों से आग्रह भी किया गया है कि वे ग्रुप को नहीं छोड़े।

संवेदनशील ग्रुप पर पाबंदी से परेशानी

सोशल मीडिया पर चलने वाले कई ग्रुप काफी संवेदनलशील और तुरंत एक्शन वाले होते हैं। जिसमें जरूरतमंद को तुरंत मदद की दरकार होती है। ऐसे में ग्रुप पर लगी पाबंदी किसी की मदद में बाधित भी साबित हो सकती है। इसका हल निकालते हुए ग्रुप एडमिन ने अन्य सदस्यों से उन्हें पर्सनल मैसेज करने या कॉल करने की सलाह दी है।

राजनीतिक प्रकृति की पोस्ट है प्रचार

चुनाव नियमों के विशेषज्ञ के अनुसार राजनीतिक प्रकृति की कोई पोस्ट या मैसेज प्रचार की श्रेणी में आता है। उसका एमसीएमसी से अधिप्रमाणन करवाना आवश्यक है।

पहले चेतावनी, फिर नोटिस

ग्रुप में प्रचार संबंधी पोस्ट या मैसेज की जानकारी पर सक्षम अधिकारी की ओर से पहले चेतावनी देते हुए ऐसी पोस्ट को हटाने का कहा जाता है।

साथ ही आइंदा इस तरह की पोस्ट ग्रुप में नहीं करने की चेतावनी दी जाती है। इसके बाद भी पोस्ट नहीं हटाई जाती है और फिर इस तरह के मैसेज ग्रुप में किए जाते हैं तो नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा जाता है।

नियमानुसार दिया नोटिस

आदर्श आचार संहिता के नियमानुसार नोटिस

ग्रुप में प्रचार संबंधी पोस्ट डालने पर तीन जनों को नोटिस देकर जवाब मांगा था। इसमें तीनों का स्पष्टीकरण आ गया है। यह नोटिस आदर्श आचार संहिता की पालना को लेकर दिया गया था।
नीरज मिश्र, रिटर्निंग अधिकारी बाड़मेर