
बाड़मेर के अहिंसा सर्कल पर तैनात सुरक्षाकर्मी
योगेंद्र सेन
बाड़मेर। सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा। शहर में ब्लैकआउट खत्म होने के बाद रविवार को लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन का पूरा दिन सुकून से बीता। लेकिन रात होते ही शहर में करीब 8.30 बजे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाकों पर ड्रोन की हलचल नजर आई।
हालांकि प्रशासन ने पहले ही शाम 6.30 बजे बाद सतर्कता के चलते फिर ब्लैकआउट की घोषणा कर दी थी। रात 8 बजे से ही लोग घरों में थे। बाजारों में अंधेरा पसरा था। इधर, सुबह एक गांव में ड्रोन का मलबा मिला। ट्रेनों और बसों का संचालन सामान्य रहा। सावों की खरीदारी के चलते दुकानों, शोरूमों पर भीड़ नजर आई।
बॉर्डर से मात्र सात किमी दूर स्थित गडरारोड रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात ड्रोन की आवाजाही से लोगों की चिंता बढ़ गई थी, लेकिन 11 बजे के बाद सामान्य स्थिति हो जाने से लोगों ने चैन की नींद ली। कस्बे का बाजार हमेशा की तरह सवेरे खुल गया। खेतों में अभी जीरे की फसल लेने के बाद कोई बुवाई नहीं हुई है।
चौहटन कस्बे सहित समूचे सरहदी इलाके में रविवार को जनजीवन पूरी तरह सामान्य नजर आया। चौहटन विधानसभा क्षेत्र में जीरो लाइन पर बसे गांव केकेडी, केलनोर, नवातला जेतमाल, मिठड़ाऊ, बीजासर, सरुपे का तला, गौहड़ का तला, तालसर में जनजीवन सामान्य है। यहां आम लोगों और बीएसएफ जवानों के साथ अच्छा तालमेल होने के चलते एक दूसरे के सहयोग में हरदम खड़े नजर आते हैं।
चौहटन से पांच किमी दूर बसे ढोक गांव के सैनिक सवाईसिंह की मां पवन कंवर ने कहा कि - बॉडर माथे बे देसां रे बिच मां झगड़े रा टेम आवे तो चिन्ता तो होवे इज, पण म्हने घणों गरब है के लड़ाकू बेटो फौज में है। अर देस री रुखाली सारू सेवा दे है। रामसर क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से महज सात किमी दूर बसे गांव भीण्डे का पार के निजाम खान, नाथूराम ने कहा कि जब तक हमारी सेना बाॅर्डर पर है तब तक हमें कोई भय नहीं है।
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Published on:
12 May 2025 08:10 am
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