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लग गई लत: दवा के सहारे अब युवा छोड़ रहे ड्रग्स

अस्पतालों की नशामुक्ति व मनोरोग ओपीडी में 30 प्रतिशत युवा 25-30 साल के युवाओं में बढ़ा नशे का प्रचलन अफीम और स्मैक के आदि हो रही युवा पीढ़ी  

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लग गई लत: दवा के सहारे अब युवा छोड़ रहे ड्रग्स

लग गई लत: दवा के सहारे अब युवा छोड़ रहे ड्रग्स

युवाओं में नशे (ड्रग्स) की लत बढ़ती जा रही है। खासकर 25-30 साल के युवा वर्ग में ये तेजी से बढ़ा है। अफीम और स्मैक का नशा करने वाले युवा एमडी का सेवन भी करने लगे है। इस सबसे खास बात यह है कि कई युवा इस दलदल से निकलने के लिए चिकित्सक की शरण लेने लगे है। अस्पतालों की नशामुक्ति व मनोरोग की ओपीडी में आने वाले मरीजों में 30-40 फीसदी नशे की लत से पीडि़त युवा है, जो अब छोड़ने की पहल कर रहे हैं।

अफीम का नशा करने वाले युवा अधिक है। इसके आंकड़े अस्पताल में नशा छोडऩे के लिए आने वाले युवाओं से भी पता चलता है। चिकित्सकों के पास सबसे अधिक केस अफीम के ही आते हैं। वहीं दूसरे नंबर पर स्मैक के है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ महीनों पहले तक एमडी के मामले भी काफी आए थे। लेकिन दो-तीन महीनों से एमडी के केस नहीं के बराबर है। महीने में एक-दो जरूर आ जाते हैं। जबकि छह महीने पहले तक इनकी संख्या अचानक से काफी बढ़ी थी।
अब छोडऩे के लिए अस्पताल पहुंच रहे
राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओपीडी के नशामुक्ति और मनोरोग की ओपीडी में रोजाना 30-40 प्रतिशत नशे के आदि युवा इससे निजात के लिए आते है। ये सभी केस नए होते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि युवा पीढ़ी को नशा किस तरह से जकड़ रहा है। सकारात्मक पहलू यह है कि युवा नशे की लत से निजात पाने के लिए खुद पहले करते हुए इलाज करवाने अस्पताल तक पहुंच रहे हैं।
विशेषज्ञ की सलाह...छोड़ने के लिए क्या करें
-नशा करने वाले व्यक्ति को पहल करनी होगी
-ड्रग्स से दूरी बनाकर रखना सबसे पहला नियम
-मजबूत इरादे से ही नशा छोड़ा जा सकता है
-लाइफ स्टाइल में करना होगा बदलाव
-परिवार का सहयोग होना बहुत ही जरूरी
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एक्सपर्ट व्यू
युवाओं में नशा की प्रवृत्ति बढऩा काफी चिंताजनक है। अस्पताल की ओपीडी में आने वाले नशा के लत वाले युवा काफी है। रोजाना की ओपीडी में करीब 30-40 फीसदी युवा होते हैं, जो नशा छोडऩा चाहते हैं। अफीम की लत वाले युवाओं की संख्या ज्यादा है। वहीं स्मैक के मामले भी आते हैं। काफी महीनों पहले एमडी की लत वाले युवा भी आए थे, लेकिन अब ऐसे केस नहीं आ रहे हैं। नशा करना वाला यह ठान लें कि उसे ड्रग्स छोडऩा है तो कोई मुश्किल नहीं है। कई लोगों ने खुद को मजबूत करते हुए नशे को हमेशा के लिए छोड़ दिया। ऐसे केस हमारे पास काफी है। बस एक कदम बढ़ाने की जरूरत है।
-डॉ. गिरीश बनिया, असिस्टेंट प्रोफेसर राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर


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